अमरनाथ यात्रा-4 दिन में 50 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए:बारिश के बीच 5वां जत्था जम्मू से रवाना; 3.5 लाख यात्रियों ने रजिस्ट्रेशन किया
अमरनाथ यात्रा के पहले 4 दिनों में 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा में हिम शिवलिंग के दर्शन किए हैं। यात्रा 3 जुलाई से शुरू हुई थी। समापन 9 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन होगा। इस बीच रविवार को 7502 यात्रियों का 5वां जत्था जम्मू से पहलगाम के नुनवान और कश्मीर के गांदरबल के बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना हुआ। जत्थे में 5,973 पुरुष, 1,169 महिलाएं, 34 बच्चे, 310 साधु और 16 साध्वी शामिल हैं। 38 दिन तक चलने वाली यात्रा पहलगाम और बालटाल दोनों रूट से जारी है। समापन 9 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन होगा। पिछले साल यात्रा 52 दिन चली थी और 5 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन किए थे। अबतक 3.5 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। रजिस्ट्रेशन के लिए जम्मू में सरस्वती धाम, वैष्णवी धाम, पंचायत भवन और महाजन सभा में सेंटर खोले गए हैं। यहां रोज 2000 श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन जारी है। अमरनाथ यात्रा से जुड़ी तस्वीरें... अमरनाथ यात्रा मार्ग पर क्या-क्या प्राकृतिक सौंदर्य के लिए पहलगाम रूट बेहतर यदि आप अमरनाथ सिर्फ धार्मिक यात्रा के रूप में आ रहे हैं तो बालटाल रूट बेहतर है। यदि कश्मीर के प्राकृतिक सौंदर्य को करीब से जीना चाहते हैं तो पहलगाम रूट बेहतर है। हालांकि इसकी हालत बालटाल रूट के विपरीत है। गुफा से चंदनबाड़ी तक सफर थकान, धूलभरा है। रास्ता पत्थरों वाला और कहीं-कहीं बहुत संकरा है। 48 किमी लंबे जर्जर रूट पर कई जगह रेलिंग गायब है तो कहीं घोड़ों के लिए अलग रास्ता है। भास्कर टीम ने दूसरे दिन का सफर पहलगाम रूट से किया। जैसे ही आप गुफा से इस रूट पर बढ़ते हैं, जवान डॉग स्क्वॉड के साथ मिल जाएंगे। पंचतरणी से आगे बुग्यालों (पहाड़ों पर हरी घास के मैदान) में बैठे जवान दिखेंगे। ये नजारा 14,800 फीट ऊपर गणेश टॉप, पिस्सू टॉप पर भी दिखा। पिछली बार इतनी सुरक्षा नहीं थी। कैसे पहुंचें: यात्रा के लिए दो रूट 1. पहलगाम रूट: इस रूट से गुफा तक पहुंचने में 3 दिन लगते हैं, लेकिन ये रास्ता आसान है। यात्रा में खड़ी चढ़ाई नहीं है। पहलगाम से पहला पड़ाव चंदनवाड़ी है। ये बेस कैंप से 16 किमी दूर है। यहां से चढ़ाई शुरू होती है। तीन किमी चढ़ाई के बाद यात्रा पिस्सू टॉप पहुंचती है। यहां से पैदल चलते हुए शाम तक यात्रा शेषनाग पहुंचती है। ये सफर करीब 9 किमी का है। अगले दिन शेषनाग से यात्री पंचतरणी जाते हैं। ये शेषनाग से करीब 14 किमी है। पंचतरणी से गुफा सिर्फ 6 किमी रह जाती है। 2. बालटाल रूट: वक्त कम हो, तो बाबा अमरनाथ दर्शन के लिए बालटाल रूट से जा सकते हैं। इसमें सिर्फ 14 किमी की चढ़ाई चढ़नी होती है, लेकिन एकदम खड़ी चढ़ाई है, इसलिए बुजुर्गों को इस रास्ते पर दिक्कत होती है। इस रूट पर संकरे रास्ते और खतरनाक मोड़ हैं। यात्रा के दौरान किन बातों का ध्यान रखें... यात्रा के दौरान मेडिकल सर्टिफिकेट, 4 पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, RFID कार्ड, ट्रैवल एप्लिकेशन फॉर्म अपने साथ रखें। फिजिकल फिटनेस के लिहाज से हर रोज 4 से 5 किलोमीटर पैदल चलने की प्रैक्टिस करें। सांस वाला योग जैसे प्राणायाम और एक्सरसाइज करें। यात्रा में ऊनी कपड़े, रेनकोट, ट्रैकिंग स्टिक, पानी बॉटल और जरूरी दवाओं का बैग अपने साथ रखें। 3888 मीटर की ऊंचाई पर है अमरनाथ गुफा

अमरनाथ यात्रा-4 दिन में 50 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए: बारिश के बीच 5वां जत्था जम्मू से रवाना; 3.5 लाख यात्रियों ने रजिस्ट्रेशन किया
अमरनाथ यात्रा के पिछले चार दिनों में पवित्र गुफा में 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने हिम शिवलिंग के दर्शन किए हैं। यह यात्रा 3 जुलाई 2023 को शुरू हुई थी और इसका समापन रक्षाबंधन के दिन, 9 अगस्त को होगा। इस बीच, रविवार को 7502 यात्रियों का 5वां जत्था जम्मू से पहलगाम के नुनवान और कश्मीर के गांदरबल के बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना हुआ। इस जत्थे में 5,973 पुरुष, 1,169 महिलाएं, 34 बच्चे, 310 साधु और 16 साध्वी शामिल हैं। यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में जोश है, हालांकि बारिश ने यात्रा के अनुभव को थोड़ा चुनौतीपूर्ण बना दिया है।
यात्रा के रजिस्ट्रेशन और सुरक्षा व्यवस्था
इस अवसर पर, अब तक 3.5 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने रजिस्ट्रेशन करवा लिया है, जो पिछले साल से अधिक है। रजिस्ट्रेशन के लिए जम्मू में कई स्थानों, जैसे सरस्वती धाम, वैष्णवी धाम, पंचायत भवन और महाजन सभा में केंद्र खोले गए हैं। रोजाना करीब 2000 श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन जारी है। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पिछले साल की तुलना में अधिक पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। यात्रा के मार्ग पर जवान डॉग स्क्वॉड भी तैनात हैं, जो श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद कर रहे हैं।
यात्रा मार्ग: पहलगाम व बालटाल
अमरनाथ गुफा तक पहुँच के लिए दो प्रमुख रूट हैं: पहलगाम और बालटाल। यदि किसी को आसानी से यात्रा करनी है तो पहलगाम रूट सबसे अच्छा है। इस रूट पर यात्रा में 48 किलोमीटर का सफर तय करना होता है, और इसमें तीन दिन लगते हैं। यह मार्ग प्राकृतिक सौंदर्य से भरा है, जहां श्रद्धालु कश्मीर के मंत्रमुग्ध कर देने वाले दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। दूसरी ओर, बालटाल रूट एक कठिन लेकिन तेज यात्रा है, जिसमें केवल 14 किलोमीटर की चढ़ाई करनी होती है।
यात्रा के दौरान आवश्यक तैयारी
यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को कुछ चीजों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे, मेडिकल सर्टिफिकेट, 4 पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, RFID कार्ड, और ट्रैवल एप्लिकेशन फॉर्म अपने साथ जरूर रखें। फिजिकल फिटनेस का ध्यान रखना भी जरूरी है, इसके लिए हर रोज 4 से 5 किलोमीटर पैदल चलने की प्रैक्टिस करें, और सांस वाले योग जैसे प्राणायाम भी करें। यात्रा के दौरान ऊनी कपड़े, रेनकोट, ट्रैकिंग स्टिक, पानी की बोतल और जरूरी दवायें भी साथ रखें।
उपसंहार
अमरनाथ यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह कश्मीर के प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है। श्रद्धालुओं की भीड़ यह साबित करती है कि इस यात्रा की महत्ता आज भी जीवित है। हमें उम्मीद है कि यह यात्रा सभी के लिए सुरक्षित और सुखद अनुभव बनेगी।
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