श्रीकृष्ण जन्माष्टमी:मथुरा में प्रकट हुए भगवान श्रीकृष्ण; 1008 कमल पुष्पों से अर्चन, 5 क्विंटल पंचामृत से अभिषेक हुआ
देश में रविवार 17 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई गई। मथुरा में श्री कृष्ण जन्मस्थान पर नंदलाल का 1008 कमल पुष्पों से अर्चन किया गया। 11 बजकर 55 मिनट पर 5 मिनट के लिए पट बंद कर दिए गए थे। 12 बजकर 5 मिनट पर भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा को गर्भ गृह से बाहर लाया गया। सोने से सजी चांदी की कामधेनु गाय के दूध से भगवान कृष्ण का अभिषेक किया गया। इसके बाद भगवान को चांदी के कमल पर बिठाकर 5 क्विंटल पंचामृत से स्नान कराया गया। वहीं, वृंदावन में भी श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की धूम है। जन्मस्थान के बाहर भारी भीड़ लगी है। देशभर से लोग यहां आए हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस समय 30 लाख से ज्यादा श्रद्धालु मथुरा-वृंदावन में मौजूद हैं। श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर ठाकुरजी को अर्पित होने वाली पोशाक को 6 महीने में मथुरा के कारीगरों ने तैयार किया है। इसमें सोने-चांदी के तारों का इस्तेमाल किया गया है। कपड़े में इंद्रधनुष के 7 रंगों को रखा गया है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर को 'ऑपरेशन सिंदूर' की थीम पर सजाया गया है। जिस फूल बंगला में ठाकुरजी विराजे हैं, उसे सिंदूरी फूलों से सजाया गया है। ये फूल कोलकाता और बेंगलुरु से मंगाए गए हैं। जन्माष्टमी पर घर बैठे श्रीकृष्ण के दर्शन और पूजा: गर्भगृह में वर्चुअल प्रवेश, विधि-विधान से पूजन और आरती करें मथुरा में जन्मस्थान के बाहर भारी भीड़; मंदिर के गर्भगृह को जेल जैसा सजाया श्रीकृष्ण जन्माष्टमी आज, जन्मोत्सव मुहूर्त रात 12 बजे से: जानिए आसान पूजा विधि, मंत्र और व्रत के नियम द्वारकाधीश मंदिर में जन्माष्टमी: जगत मंदिर को रोशनी से सजाया गया, रात 2.30 बजे तक होंगे द्वारकाधीश भगवान के दर्शन राजस्थान: पांच साल तक श्रीनाथजी नाथद्वारा में नहीं रहे: मराठाओं ने चिट्ठी लिखकर दी थी धमकी-श्रीनाथ जी को लूटेंगे देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से जुड़े पल-पल के अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाएं...

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी: मथुरा में प्रकट हुए भगवान श्रीकृष्ण; 1008 कमल पुष्पों से अर्चन, 5 क्विंटल पंचामृत से अभिषेक हुआ
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देश में रविवार 17 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई गई। मथुरा में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया, जहां श्रद्धालुओं की भव्य भीड़ ने समारोह की रौनक को और बढ़ा दिया। इस वर्ष, जन्मस्थान पर नंदलाल का 1008 कमल पुष्पों से अर्चन किया गया, जो इस पावन उत्सव की खासियत थी।
भव्य अर्चन और अभिषेक की रस्म
पंचामृत से अभिषेक भारत के धार्मिक समारोहों में बड़ी महत्वता रखता है। इस वर्ष, भगवान श्रीकृष्ण को 5 क्विंटल पंचामृत से स्नान कराया गया। यह अभिषेक 12 बजकर 5 मिनट पर किया गया, जब भगवान की प्रतिमा को गर्भ गृह से बाहर लाया गया। इस विशेष अवसर पर, सोने से सजी चांदी की कामधेनु गाय के दूध का भी विशेष उपयोग किया गया।
श्रद्धालुओं की भीड़ और विशेष तैयारियाँ
मथुरा और उसके आस-पास के इलाकों में इस साल लगभग 30 लाख श्रद्धालु पहुंचे। जन्मस्थान के बाहर भारी भीड़ लगी थी, जो इस मौके को और खास बनाती है। जन्मभूमि पर ठाकुरजी को अर्पित होने वाले वस्त्रों को मथुरा के कारीगरों ने छह महीने में तैयार किया। इस पोशाक में सोने-चांदी के तारों का उपयोग किया गया है और इसमें इंद्रधनुष के सात रंग शामिल हैं।
'ऑपरेशन सिंदूर' थीम और विशेष सजावट
जन्मभूमि मंदिर को 'ऑपरेशन सिंदूर' की थीम पर सजाया गया। जिस फूल बंगला में ठाकुरजी विराजे हैं, उसे सिंदूरी फूलों से सजाया गया है। इन फूलों को कोलकाता और बेंगलुरु से मंगाया गया है, जो सजावट में चार चाँद लगाते हैं। इसके साथ ही, विभिन्न मंदिरों में भी विशेष जलाभिषेक की रस्म अदा की गई।
आभासी दर्शन की सुविधा
जिन श्रद्धालुओं के लिए मथुरा पहुंचना संभव नहीं था, उनके लिए वर्चुअल दर्शन की व्यवस्था की गई थी। घर बैठे लोग गर्भगृह में जा कर विधि-विधान से पूजा और आरती कर सकते थे। इस सुविधा से लाखों भक्तों को घर बैठे श्रीकृष्ण के दर्शन करने का अवसर मिला।
अंत में
इस वर्ष की जन्माष्टमी ने हमें न केवल भगवान श्रीकृष्ण के प्रति श्रद्धा को और बढ़ाने का मौका दिया, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत को भी फिर से जीवित किया। इस खास अवसर पर, मथुरा के मंदिरों और स्थानों की रौनक ने श्रद्धालुओं को एक अद्भुत अनुभव प्रदान किया। हमारे सभी पाठकों से अपील है कि भक्तिमय वातावरण को बनाए रखें और इस प्रकार के उत्सवों में बढ़-चढ़कर भाग लें।
हमारी टीम avpganga की ओर से सभी भक्तों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ। देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से जुड़े पल-पल के अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाएं... https://avpganga.com
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