अहमदाबाद प्लेन क्रैश जांच में ह्यूमन फेक्टर स्पेशलिस्ट्स शामिल:वेस्टर्न मीडिया ने पायलट को जिम्मेदार ठहराया था, इसी वजह से फैसला लिया गया
केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने गुरुवार को संसद को बताया कि अहमदाबाद प्लेन क्रैश की जांच में ह्यूमन फेक्टर स्पेशलिस्ट्स को भी शामिल किया गया है। ये दुर्घटनाओं और अन्य सुरक्षा संबंधी घटनाओं के कारणों का एनालिसिस करते हैं और उन्हें रोकने के लिए डिजाइन में बदलाव का सुझाव देते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जांच में सभी पहलुओं को देखा जा रहा है। यह फैसला इसलिए अहम है क्योंकि अमेरिकी मीडिया हाउस वॉल स्ट्रीट जनरल ने 17 जुलाई को पब्लिश रिपोर्ट में आशंका जताई थी कि विमान के पायलट कैप्टन सुमीत सभरवाल ने दोनों इंजनों में फ्यूल की सप्लाई रोकी थी। हालांकि, भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) और अमेरिका के नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) ने रिपोर्ट को गलत बताया था। 2025 में 8 विमान दुर्घटनाएं, 274 की जान गई केंद्रीय मंत्री मोहोल ने कि एयरलाइन ऑपरेटर सभी गंभीर खराबियों की सूचना तुरंत DGCA को देते हैं। अगर DGCA ऑडिट में पाया जाता है कि एयरलाइन ने खराबियों की सूचना नहीं दी तो DGCA जांच करता है और प्रोसीजर मैनुअल के हिसाब से कार्रवाई करता है। उन्होंने बताया कि2025 में कुल आठ विमान दुर्घटनाएं हुईं। इनमें 1 शेड्यूल्ड एयरक्राफ्ट, 3 ट्रेनी विमान और 4 हेलिकॉप्टर शामिल हैं। इन दुर्घटनाओं में 274 लोगों की जान गई। अब पढ़िए WSJ ने क्या कहा था... अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि विमान के कैप्टन सुमीत सभरवाल ने इंजनों में फ्यूल की सप्लाई रोकी थी। WSJ ने जांच से जुड़े अमेरिकी सूत्रों के हवाले से यह कहा था। WSJ ने बताया था कि यह खुलासा दोनों पायलटों के बीच बातचीत की कॉकपिट रिकॉर्डिंग से हुआ है। वॉयस रिकॉर्डिंग से पता चला कि बोइंग विमान उड़ा रहे को-पायलट क्लाइव कुंदर ने कैप्टन सुमीत सभरवाल से पूछा, 'आपने फ्यूल स्विच को 'CUTOFF’ पोजिशन में क्यों कर दिया?' सवाल करते समय को-पायलट हैरान थे। उनकी आवाज में घबराहट थी, जबकि कैप्टन सुमीत शांत दिखे। जानिए, सरकार ने क्या कहा था... ------------------------------------------------------ मामले से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... अहमदाबाद विमान हादसे की जांच में 6 ब्लाइंड स्पॉट्स, पायलटों की आखिरी बातचीत की टाइमिंग बदल सकती है थ्योरी अहमदाबाद में 12 जून को टेकऑफ के महज 32 सेकेंड के भीतर क्रैश हुई एअर इंडिया की फ्लाइट बोइंग AI-171 की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट भले सार्वजनिक हो चुकी हो, लेकिन इसके नतीजों ने कई तीखे सवाल खड़े किए हैं। ऐसे में विमानन दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) अपनी अंतिम रिपोर्ट को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है। पूरी खबर पढ़ें...

अहमदाबाद प्लेन क्रैश जांच में ह्यूमन फेक्टर स्पेशलिस्ट्स शामिल: वेस्टर्न मीडिया ने पायलट को जिम्मेदार ठहराया था, इसी वजह से फैसला लिया गया
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केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने गुरुवार को संसद को बताया कि अहमदाबाद प्लेन क्रैश की जांच में ह्यूमन फेक्टर स्पेशलिस्ट्स को भी शामिल किया गया है। यह फैसला अमेरिकी मीडिया हाउस वॉल स्ट्रीट जनरल द्वारा कैप्टन सुमीत सभरवाल को जिम्मेदार ठहराने के बाद लिया गया। इस रिपोर्ट ने पायलट के खिलाफ कई सवाल उठाए थे और भारतीय विमानन उद्योग में सुरक्षा कार्य प्रक्रियाओं को लेकर चिंतन की आवश्यकता को दर्शाया।
संक्षिप्त जानकारी
अहमदाबाद में एअर इंडिया का बोइंग AI-171, जो 12 जून को टेकऑफ के बाद महज 32 सेकंड के भीतर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, इसकी शुरुआती जांच रिपोर्ट ने कई गंभीर सवाल उठाए हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जांच का उद्देश्य न केवल इस दुर्घटना के कारणों की पहचान करना है, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए भी सुझाव देना है।
वॉल स्ट्रीट जनरल का दावा
वॉल स्ट्रीट जनरल ने 17 जुलाई को अपनी रिपोर्ट में बताया था कि कैप्टन सुमीत सभरवाल ने दोनों इंजनों में फ्यूल की सप्लाई रोक दी थी। इस वारदात को लेकर की गई जांच में कॉकपिट रिकॉर्डिंग से यह पता चला कि को-पायलट क्लाइव कुंदर ने कैप्टन से सवाल किया था, 'आपने फ्यूल स्विच को 'CUTOFF’ पोजिशन में क्यों कर दिया?' इस बातचीत ने मामले में एक नया मोड़ लाया।
केंद्रीय मंत्री का बयान
केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल ने कहा कि एयरलाइन ऑपरेटर को सभी गंभीर खराबियों की तुरंत सूचना दी जानी चाहिए। यदि DGCA को ऑडिट में यह पाया जाता है कि एयरलाइन ने किसी खराबी की सूचना नहीं दी, तो वे जांच करेंगे और कार्रवाई करेंगे। 2025 में, आठ विमान दुर्घटनाओं में 274 लोगों की जान गई, जो सुरक्षा प्रक्रियाओं की आवश्यकता को और बढ़ा देती है।
निष्कर्ष
अपनी रिपोर्ट में, वॉल स्ट्रीट जनरल ने बताया कि यह खुलासा कॉकपिट में की गई बातचीत से ही हुआ है। हालांकि, भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) और अमेरिका के नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) ने इस रिपोर्ट को गलत बताया है। इसके अलावा, सरकार ने यह भी बताया है कि अहमदाबाद प्लेन क्रैश की जांच में किसी भी पहलू को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। यह निर्णय न केवल इस मामले को संज्ञान में लेने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि भारतीय विमानन सुरक्षा में भी बदलावों की मांग करता है।
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