आपदा में देवदूत बनी हेली सेवा, थराली के दूरस्थ गांव से गर्भवती महिला को एयरलिफ्ट करके भेजा गया AIIMS ऋषिकेश

रैबार डेस्क:  धराली के बाद थराली भी आपदी की मार झेल रहा है। चारों तरफ... The post आपदा में देवदूत बनी हेली सेवा, थराली के दूरस्थ गांव से गर्भवती महिला को एयरलिफ्ट करके भेजा गया AIIMS ऋषिकेश appeared first on Uttarakhand Raibar.

Aug 28, 2025 - 00:33
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आपदा में देवदूत बनी हेली सेवा, थराली के दूरस्थ गांव से गर्भवती महिला को एयरलिफ्ट करके भेजा गया AIIMS ऋषिकेश

रैबार डेस्क: धराली के बाद थराली भी आपदी की मार झेल रहा है। चारों तरफ मलबे से पटा है। सड़कें ध्वस्त हो गई हैं। संपर्क मार्ग भी टूटे हैं। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को बेहद मुश्किलों से गुजरना पड़ सकता है। लेकिन उत्तराखंड सरकार की हेली सेवा ऐसे नाजुक मौकों पर प्रभावित महिलाओं के लिए देवदूत बन रही है। बुधवार को थराली के रुईसाण गांव की गर्भवती महिला को हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू करके एम्स ऋषिकेश भेजा गया।

थराली में आपदा का प्रभाव

22 अगस्त को बादल फटन के बाद आई आपदा से थराली और आसपास के गावों में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। सड़क मार्ग बाधित हैं, संपर्क मार्ग टूटे हैं। लोगों को तहसील मुख्यालय तक पहुंचने के लिए कई किलोमीटर का पैदल सफर तय करना पड़ रहा है। कई गांवों का संपर्क भी तहसील मुख्यालय से कट चुका है। थराली मुख्य बाजार पर भी बड़ा संकट मंडरा रहा है, जिसके कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा

इसी कड़ी में थराली के दूरस्थ क्षेत्र रूईसाण गांव की प्रसूता महिला, अनिता देवी पत्नी संजय सिंह को जरूरत के समय फौरन एयरलिफ्ट करके ऋषिकेश एम्स पहुंचाया गया है। बता दें कि धराली आपदा में भी सड़कें क्षतिग्रस्त होने के कारण दर्जनभर से ज्यादा प्रेग्नेंट महिलाओं को इसी प्रकार एयरलिफ्ट करके अस्पताल पहुंचाया गया था। यह सेवा न सिर्फ गर्भवती महिलाओं के लिए, बल्कि उनके परिवारों के लिए भी राहत बनकर आई है।

स्थानीय प्रशासन की सक्रियता

एसडीएम थराली पंकज भट्ट ने बताया कि थराली में जिला पंचायत के भवन पर फिलहाल स्वास्थ्य केंद्र को शिफ्ट किया गया है। आपदा राहत कैंप कुलसारी में 300 से अधिक लोग रह रहे हैं। प्रशासन की ओर से भोजन की रहने की व्यवस्था वहां पर की गई है। हालाँकि, सड़कों को सुचारु होने में अभी समय लगेगा। उन्होंने कहा कि थराली मुख्य बाजार के ऊपर निवास कर रहे स्थानीय लोगों को हटा दिया गया है, क्योंकि यहां सड़क किनारे एक बड़ा बोल्डर आ गया है, जिससे कभी भी नुकसान हो सकता है।

भविष्य के लिए उपाय

अधिकारियों ने कहा कि थराली कोटडीप वाली सड़क में बड़ी-बड़ी दरारें आने से थराली बाजार पर भी खतरा मंडरा रहा है। यहां मार्ग करीब 15 किलोमीटर तक बंद है। समुदाय की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि स्थानीय प्रशासन और सरकार इस गंभीर स्थिति को समझे और प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत मदद पहुंचाए।

समापन

इस संकट के दौर में उत्तराखंड की हेली सेवा ने साबित कर दिया है कि वह किस प्रकार जीवनदायिनी बन सकती है। गर्भवती महिलाओं और उनकी देखभाल करने वालों के लिए यह हेली सेवा एक महत्वपूर्ण साधन बन चुकी है। इस आपदा के बीच, सरकार को चाहिए कि वह जल्द से जल्द क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे को ठीक करे और लोगों को आवश्यक सहायता प्रदान करे।

अब की आवश्यकता है कि हम सभी मिलकर इस संकट से उभरने के लिए ठोस कदम उठाएं। उत्तराखंड की संस्कृति और परंपरा की रक्षा के लिए, एकजुटता और समर्पण से हम कठिनाइयों का सामना कर सकते हैं।

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