उपद्रव करने वालों को सीएम धामी की सख्त चेतावनी, अशांति फैलाने की साजिश बर्दाश्त नहीं होगी
रैबार डेस्क: देहरादून में सोमवार देर रात उपद्रव की कोशिश करने वालों पर सीएम पुष्कर... The post उपद्रव करने वालों को सीएम धामी की सख्त चेतावनी, अशांति फैलाने की साजिश बर्दाश्त नहीं होगी appeared first on Uttarakhand Raibar.
उपद्रव करने वालों को सीएम धामी की सख्त चेतावनी, अशांति फैलाने की साजिश बर्दाश्त नहीं होगी
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रैबार डेस्क: देहरादून में सोमवार देर रात उपद्रव की कोशिश करने वालों पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सख्त प्रतिक्रिया दी है। सीएम धामी ने मामले को अशांति और उपद्रव पैदा करने की सोची समझी साजिश करार दिया। सीएम ने चेतावनी दी कि उपद्रव पैदा करने वालों पर दंगा विरोधी कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
घटनाक्रम की पूरी जानकारी
सोमवार रात को देहरादून के पटेल नगर थाना क्षेत्र में कुछ लोगों की भीड़ अचानक सड़क पर उतर आई। भीड़ ने पटेल नगर के लालपुल पर इकट्ठा होकर धर्म संबंधी नारेबाजी करने का प्रयास किया, जिससे सांप्रदायिक माहौल खराब होने लगा। इस बीच, भीड़ ने सड़क जाम करने की भी कोशिश की। लेकिन, पुलिस ने समय रहते स्थिती को नियंत्रण में लाने का प्रयास किया और लाठियों का उपयोग कर भीड़ को खदेड़ने में सफल रही। इसके बाद, शहर के संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
सीएम धामी की स्पष्ट चेतावनी
सीएम धामी ने कहा, "यह केवल त्योहारों और धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान अशांति और उपद्रव की सोची समझी साजिश है। इसके पीछे वह ताकतें हैं, जो आज एक मजबूत भारत को नहीं देख पा रही हैं।" उनका कहना है कि ऐसी ताकतें समाज में जहर घोलने का काम कर रही हैं और उत्तराखंड में इस प्रकार की अराजकता को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सीएम ने यह भी कहा कि ऐसे तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी और दंगा विरोधी कानून का उपयोग किया जाएगा।
सरकार की प्रतिबद्धता
सीएम ने जोर देकर कहा कि सरकार ने ऐसे अराजक तत्वों के खिलाफ कड़े कानून बनाए हैं और ऐसे दंगाइयों से सरकारी संपत्तियों को नुकसान की भरपाई कराई जाएगी। इसकी पृष्ठभूमि में यह भी है कि उत्तराखंड की शांतिपूर्ण समाज व्यवस्था को किसी भी कीमत पर बनाए रखना आवश्यक है।
हालिया घटनाक्रम ने यह प्रमाणित कर दिया है कि बाहरी ताकतें अशांति फैलाने में संलग्न हैं, और पुलिस प्रशासन को भी इस बात की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही, शहरवासियों से शांति बनाए रखने और ऐसे तत्वों की पहचान करने की अपील भी की गई है।
निष्कर्ष
स्थिति को नियंत्रित रखने की कोशिशें अपने आप में महत्वपूर्ण हैं, लेकिन केवल कानून के द्वारा ही वास्तविक शांति स्थापित नहीं की जा सकती। समाज के हर सदस्य को चाहिए कि वह अपने स्तर पर जिम्मेदार बने और किसी भी तरह की उपद्रवी गतिविधियों से दूर रहें। केवल ऐसी सुनियोजित और एकजुटता के साथ ही हम एक स्थिर और शांतिपूर्ण वातावरण बना सकते हैं।
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