उल्लू सुरक्षित रहें इसलिए पूरी रात जागेंगे वनकर्मी, दीपावली पर शिकार रोकने के लिए विभाग सतर्क
देहरादून : दीपावली पर उल्लुओं का शिकार रोकने के लिए वन विभाग सतर्क हो गया है। रविवार से देहरादून जू में उल्लुओं पर विशेष पहरा रहेगा। इसके लिए रातभर जू के आसपास चार वनकर्मी जगे रहेंगे। जबकि जिलेभर में रात में वनकर्मी गश्त करेंगे। मसूरी-देहरादून रोड स्थित मालसी जू में तीन अलग-अलग प्रजाति के कुल […] The post उल्लू सुरक्षित रहें इसलिए पूरी रात जागेंगे वनकर्मी, दीपावली पर शिकार रोकने के लिए विभाग सतर्क appeared first on Dainik Uttarakhand.
देहरादून : दीपावली पर उल्लुओं का शिकार रोकने के लिए वन विभाग सतर्क हो गया है। रविवार से देहरादून जू में उल्लुओं पर विशेष पहरा रहेगा। इसके लिए रातभर जू के आसपास चार वनकर्मी जगे रहेंगे। जबकि जिलेभर में रात में वनकर्मी गश्त करेंगे।
मसूरी-देहरादून रोड स्थित मालसी जू में तीन अलग-अलग प्रजाति के कुल 10 उल्लू हैं। जू के डिप्टी रेंजर विनोद लिंगवाल ने कहा कि उल्लू वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत संरक्षित हैं। लोगों से इसके शिकार के बारे में अंधविश्वास छोड़ने की अपील की गई है। उन्होंने कहा कि विभाग उल्लू की सुरक्षा के लिए सक्रिय है। खासकर दीपावली के दौरान, क्योंकि कुछ लोग अंधविश्वास के कारण इनका शिकार करते हैं, जो पूरी तरह से गलत है।
वन्यजीवों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जू और जंगल के आसपास पटाखे जलाने पर रोक है। डिप्टी रेंजर विनोद लिंगवाल ने बताया कि जू के 100 मीटर के दायरे में पटाखे जलाने पर पूरी तरह से रोक है। पटाखों की तेज आवाज और रोशनी वन्यजीवों में भय और संकट पैदा करती है। पक्षी डर के मारे अपने घोंसलों से उड़ जाते हैं और अंधेरे में भटक सकते हैं। जबकि अन्य वन्यजीवों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। चिड़ियाघर प्रशासन ने आसपास रह रहे लोगों से अपील कि है कि वे ऊपर की तरफ जाने वाले पटाखे यानी की राकेट और आकाशदीप को न जलाएं। इससे आग लगने का खतरा बना रहता है।
उल्लुओं की सुरक्षा के लिए लच्छीवाला रेंज में हंट फॉर हेल्प अभियान चलाया गया है। वन क्षेत्राधिकारी मेधावी कीर्ति ने बताया कि अभियान का मुख्य उद्देश्य अंधविश्वास के कारण उल्लुओं के अवैध शिकार और व्यापार को रोकना है। साथ ही अभियान के जरिये लोगों को उल्लुओं के पारिस्थितिक महत्व के बारे में जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि उल्लू हमारे पर्यावरण का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे कृंतकों जैसे कीटों की आबादी को नियंत्रित करते हैं। कोई भी व्यक्ति किसी घायल उल्लू को देखें तो उसे नुकसान न पहुंचाएं और तुरंत विभाग को इसकी जानकारी दें। इस मौके पर शैलेंद्र रावत, रजत कुमार, अंकित सिंह, विजय थपलियाल, सीमा मिश्रा, नूतन, अभिषेक आदि मौजूद रहे।
विभाग शिकार और तस्करी के नेटवर्क पर नजर रख रहा है। ड्रोन से निगरानी की जाएगी। कोई भी व्यक्ति किसी वन्यजीव का शिकार करते हुए पकड़ा गया तो उसके खिलाफ कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा रात की गश्त भी बढ़ा दी गई है।
–नीरज कुमार, डीएफओ
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