पत्रकार राजीव प्रताप की मौत का मामला, जांच के लिए टीम गठित, सभी पहलुओं का होगा विश्लेषण
उत्तरकाशी: उत्तरकाशी में पत्रकार राजीव की मौत के मामले में जांच के लिए डीएसपी उत्तरकाशी के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया है। यह टीम अब तक इस मामले में मिले सभी साक्ष्यों का दोबारा अवलोकन कर जांच करेगी। सीसीटीवी कैमरे, लोगों के बयान, कॉल डिटेल और अन्य पहलुओं की भी जांच […] The post पत्रकार राजीव प्रताप की मौत का मामला, जांच के लिए टीम गठित, सभी पहलुओं का होगा विश्लेषण appeared first on Dainik Uttarakhand.

पत्रकार राजीव प्रताप की मौत का मामला, जांच के लिए टीम गठित, सभी पहलुओं का होगा विश्लेषण
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उत्तरकाशी: उत्तरकाशी में पत्रकार राजीव प्रताप की दुखद मौत के मामले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस मामले की जांच के लिए अब एक विशेष टीम का गठन किया गया है, जो डीएसपी उत्तरकाशी के नेतृत्व में कार्यरत होगी। यह टीम अब तक सभी साक्ष्यों का फिर से अवलोकन करके मामले की तह तक जाने का प्रयास करेगी।
जांच के चरण और तकनीकी पहलू
जांच प्रक्रिया में सीसीटीवी कैमरे, लोगों के बयान, कॉल डिटेल और अन्य पहलुओं को शामिल किया जाएगा। घटना की शुरुआत तब हुई जब पत्रकार राजीव, 19 सितंबर को, उत्तरकाशी में अचानक लापता हो गए थे। उनके परिवार ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद उनकी खोजबीन शुरू हुई। 20 सितंबर को उनकी कार को एक नदी से 55 मीटर नीचे पाया गया, जो अत्यंत क्षतिग्रस्त थी। यह स्थिति परिवार के लिए एक अनसुलझी पहेली बन गई और उन्होंने पुलिस से राजीव के अपहरण की शिकायत भी की।
शव प्राप्ति और पोस्टमार्टम रिपोर्ट
28 सितंबर को, पुलिस ने राजीव का शव बरामद किया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जानकारी सामने आई कि उनकी मौत सीने और पेट में अंदरूनी चोटों के कारण हुई है। डॉक्टरों का कहना है कि ये चोटें किसी भयानक दुर्घटना के दौरान ही लग सकती हैं। उत्तरकाशी की पुलिस अधीक्षक, सरिता डोभाल ने इस बात की पुष्टि की कि शव पर किसी हमले के निशान नहीं पाए गए हैं। इस संदर्भ में विशेष टीम कॉल डिटेल के आधार पर भी जांच करेगी। आपको बता दें कि राजीव को जान से मारने की धमकी भी दी गई थी, जिसके बारे में परिजनों ने शिकायत की थी।
समुदाय की प्रतिक्रिया और अपेक्षाएँ
राजीव की मौत की खबर ने उनके परिवार, दोस्तों और पत्रकारिता समुदाय में गहरा सदमा पहुँचा दिया है। इस मामले को लेकर लोगों की नजरें जांच टीम पर हैं, जो सभी पहलुओं की बारीकी से जांच करने का वादा कर रही है। डीजीपी दीपम सेठ ने कहा है कि इस विशेष टीम को सभी नए साक्ष्यों की जांच करने के लिए निर्देशित किया गया है।
निष्कर्ष
पत्रकार राजीव प्रताप की संदिग्ध मौत का मामला केवल एक व्यक्तिगत दुखद घटना नहीं है, बल्कि यह समाज में सुरक्षा और न्याय की आवश्यकता का भी प्रतीक है। समाज को उम्मीद है कि जांच टीम सच की खोज में ईमानदार और निष्पक्ष प्रयास करेगी। सभी की नजरें अब इस मामले की निष्पक्षता पर हैं और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस तरह की घटनाओं से सबक लिया जाएगा या नहीं।
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