केरल के स्कूल में 8वीं की स्टूडेंट हिजाब पहनकर आई:गेट पर रोका तो हंगामा; विवाद बढ़ने पर मैनेजमेंट ने 2 दिन की छुट्टी घोषित की

केरल के कोच्चि स्थित एक निजी क्रिश्चियन स्कूल में 8वीं कक्षा की स्टूडेंट के हिजाब पहनने को लेकर विवाद बढ़ गया। हालात बिगड़ने के बाद सेंट रीटा पब्लिक स्कूल पल्लुरुथी ने सोमवार और मंगलवार (13 और 14 अक्टूबर) को दो दिन की छुट्टी घोषित कर दी। स्कूल की प्रिंसिपल सिस्टर हेलेना आरसी ने लेटर जारी कर बताया कि एक स्टूडेंट ने यूनिफॉर्म के बजाय हिजाब (सिर पर कपड़ा) पहनकर स्कूल आना शुरू कर दिया था। जब स्कूल मैनेजमेंट ने इसका विरोध कर गेट पर रोका तो स्टूडेंट के माता-पिता ने इसे धार्मिक अधिकार बताया और हंगामा कर दिया। प्रिंसिपल ने बताया कि स्टूडेंट और उसके परिवार के दबाव में कुछ टीचर्स और स्टूडेंट्स मानसिक तनाव महसूस करने लगे। इसी कारण पैरेंट-टीचर एसोसिएशन (PTA) से चर्चा के बाद दो दिन की छुट्टी देने का फैसला किया गया। विवाद के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारी सोमवार को स्कूल पहुंचे और मामले की जांच की। स्कूल मैनेजमेंट बोला- 30 साल से ड्रेस कोड लागू स्कूल के PTA सदस्य जोशी कैथावलप्पिल ने बताया कि पिछले 30 साल से स्कूल में एक समान ड्रेस कोड लागू है और सभी धर्मों के स्टूडेंट्स उसका पालन करते हैं। चार महीने तक स्टूडेंट ने नियम का पालन किया लेकिन 10 अक्टूबर को उसने सिर ढकना शुरू कर दिया। जोशी ने कहा- जब स्कूल ने मना किया, स्टूडेंट के माता-पिता ने जोर दिया कि वह सिर ढककर आएगी। वे कुछ लोगों के साथ स्कूल आए और वीडियो रिकॉर्डिंग करने लगे साथ ही हंगामा किया। इससे बच्चे और टीचर डर गए, इसलिए स्कूल बंद करना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि यह विवाद सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) से जुड़े लोगों के समर्थन से बढ़ाया गया। SDPI एक इस्लामिक झुकाव वाली पार्टी है। उन्होंने कहा कि स्कूल ने केरल हाईकोर्ट से पुलिस सुरक्षा की मांग की थी और कोर्ट से इसके लिए अनुमति भी मिल गई है। स्टूडेंट के पिता बोले- ये हमारा अधिकार है स्टूडेंट के पिता ने कहा कि उनकी बेटी ने इसी साल स्कूल में एडमिशन लिया है। उनका आरोप है कि पहले स्कूल सिर्फ कक्षा के अंदर सिर ढकने से रोकता था, अब गेट पर ही रोक दिया गया है। इससे समानता प्रभावित होती है। ये हमारा अधिकार है। उन्होंने बताया कि उन्होंने इस मामले की शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी और संबंधित मंत्री से की है। अगर स्कूल उसे सिर ढकने की अनुमति नहीं देता, तो हम उसे किसी और स्कूल में भेज देंगे। कर्नाटक में भी हिजाब पहनकर आने पर विवाद हुआ था फरवरी 2022 में कर्नाटक के कुंडापुरा कॉलेज की 28 मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर क्लास अटैंड करने से रोका गया था। मामले को लेकर छात्राओं ने हाईकोर्ट में याचिका लगाते हुए कहा था कि इस्लाम में हिजाब अनिवार्य है, इसलिए उन्हें इसकी अनुमति दी जाए। इन छात्राओं ने कॉलेज गेट के सामने बैठकर धरना देना भी शुरू कर दिया था। इसके बाद कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्कूल-कॉलेज में हिजाब बैन को सही ठहराया था। कोर्ट ने कहा था कि हिजाब इस्लाम की अनिवार्य प्रथा का हिस्सा नहीं है। पूरी खबर पढ़ें... ---------------------------------- हिजाब विवाद से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... कर्नाटक हिजाब विवाद पर SC बोला- कोई कोर्ट में जींस पहनकर आएगा तो उसे मना ही करेंगे कर्नाटक हिजाब विवाद मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धुलिया की बेंच ने कहा था कि पब्लिक प्लेस पर ड्रेस कोड लागू होता ही है। पिछले दिनों ही एक महिला वकील सुप्रीम कोर्ट में जींस पहनकर आ गईं, उन्हें तुरंत मना किया गया। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा था कि ड्रेस कोड लागू करने का मतलब है कि आप लड़कियों को कॉलेज जाने से रोक रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें...

Oct 14, 2025 - 00:33
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केरल के स्कूल में 8वीं की स्टूडेंट हिजाब पहनकर आई:गेट पर रोका तो हंगामा; विवाद बढ़ने पर मैनेजमेंट ने 2 दिन की छुट्टी घोषित की
केरल के कोच्चि स्थित एक निजी क्रिश्चियन स्कूल में 8वीं कक्षा की स्टूडेंट के हिजाब पहनने को लेकर विवाद बढ़ गया। हालात बिगड़ने के बाद सेंट रीटा पब्लिक स्कूल पल्लुरुथी ने सोमवार और मंगलवार (13 और 14 अक्टूबर) को दो दिन की छुट्टी घोषित कर दी। स्कूल की प्रिंसिपल सिस्टर हेलेना आरसी ने लेटर जारी कर बताया कि एक स्टूडेंट ने यूनिफॉर्म के बजाय हिजाब (सिर पर कपड़ा) पहनकर स्कूल आना शुरू कर दिया था। जब स्कूल मैनेजमेंट ने इसका विरोध कर गेट पर रोका तो स्टूडेंट के माता-पिता ने इसे धार्मिक अधिकार बताया और हंगामा कर दिया। प्रिंसिपल ने बताया कि स्टूडेंट और उसके परिवार के दबाव में कुछ टीचर्स और स्टूडेंट्स मानसिक तनाव महसूस करने लगे। इसी कारण पैरेंट-टीचर एसोसिएशन (PTA) से चर्चा के बाद दो दिन की छुट्टी देने का फैसला किया गया। विवाद के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारी सोमवार को स्कूल पहुंचे और मामले की जांच की। स्कूल मैनेजमेंट बोला- 30 साल से ड्रेस कोड लागू स्कूल के PTA सदस्य जोशी कैथावलप्पिल ने बताया कि पिछले 30 साल से स्कूल में एक समान ड्रेस कोड लागू है और सभी धर्मों के स्टूडेंट्स उसका पालन करते हैं। चार महीने तक स्टूडेंट ने नियम का पालन किया लेकिन 10 अक्टूबर को उसने सिर ढकना शुरू कर दिया। जोशी ने कहा- जब स्कूल ने मना किया, स्टूडेंट के माता-पिता ने जोर दिया कि वह सिर ढककर आएगी। वे कुछ लोगों के साथ स्कूल आए और वीडियो रिकॉर्डिंग करने लगे साथ ही हंगामा किया। इससे बच्चे और टीचर डर गए, इसलिए स्कूल बंद करना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि यह विवाद सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) से जुड़े लोगों के समर्थन से बढ़ाया गया। SDPI एक इस्लामिक झुकाव वाली पार्टी है। उन्होंने कहा कि स्कूल ने केरल हाईकोर्ट से पुलिस सुरक्षा की मांग की थी और कोर्ट से इसके लिए अनुमति भी मिल गई है। स्टूडेंट के पिता बोले- ये हमारा अधिकार है स्टूडेंट के पिता ने कहा कि उनकी बेटी ने इसी साल स्कूल में एडमिशन लिया है। उनका आरोप है कि पहले स्कूल सिर्फ कक्षा के अंदर सिर ढकने से रोकता था, अब गेट पर ही रोक दिया गया है। इससे समानता प्रभावित होती है। ये हमारा अधिकार है। उन्होंने बताया कि उन्होंने इस मामले की शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी और संबंधित मंत्री से की है। अगर स्कूल उसे सिर ढकने की अनुमति नहीं देता, तो हम उसे किसी और स्कूल में भेज देंगे। कर्नाटक में भी हिजाब पहनकर आने पर विवाद हुआ था फरवरी 2022 में कर्नाटक के कुंडापुरा कॉलेज की 28 मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर क्लास अटैंड करने से रोका गया था। मामले को लेकर छात्राओं ने हाईकोर्ट में याचिका लगाते हुए कहा था कि इस्लाम में हिजाब अनिवार्य है, इसलिए उन्हें इसकी अनुमति दी जाए। इन छात्राओं ने कॉलेज गेट के सामने बैठकर धरना देना भी शुरू कर दिया था। इसके बाद कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्कूल-कॉलेज में हिजाब बैन को सही ठहराया था। कोर्ट ने कहा था कि हिजाब इस्लाम की अनिवार्य प्रथा का हिस्सा नहीं है। पूरी खबर पढ़ें... ---------------------------------- हिजाब विवाद से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... कर्नाटक हिजाब विवाद पर SC बोला- कोई कोर्ट में जींस पहनकर आएगा तो उसे मना ही करेंगे कर्नाटक हिजाब विवाद मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धुलिया की बेंच ने कहा था कि पब्लिक प्लेस पर ड्रेस कोड लागू होता ही है। पिछले दिनों ही एक महिला वकील सुप्रीम कोर्ट में जींस पहनकर आ गईं, उन्हें तुरंत मना किया गया। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा था कि ड्रेस कोड लागू करने का मतलब है कि आप लड़कियों को कॉलेज जाने से रोक रहे हैं। पूरी खबर पढ़ें...

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