जनगणना 2027- पहला फेज 1 अप्रैल 2026 से शुरू होगा:घरों की लिस्टिंग होगी; राज्यों को निर्देश- 31 दिसंबर 2025 तक सीमांकन पूरा करें
जाति गणना के साथ भारत की 16वीं जनगणना 2027 में की जाएगी। जनगणना लद्दाख,जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में 1 अक्टूबर 2026 को और 2027 को देश के बाकी हिस्सों में होगी। जनगणना दो चरणों में की जाएगी। पहले चरण यानी हाउसलिस्टिंग ऑपरेशन में हर घर की आवासीय स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं की जानकारी इकट्ठा की जाएगी। केंद्र सरकार ने सभी विभागों को 31 दिसंबर 2025 से पहले नगर निगमों, राजस्व गांवों, तहसीलों, उप-विभागों या जिलों की सीमाओं में कोई भी प्रस्तावित बदलाव करने का निर्देश जारी किया गया है। यह अब तक की 16वीं और स्वतंत्रता के बाद 8वीं जनगणना है। यह जनगणना 16 साल बाद की जाएगी, क्योंकि पिछली जनगणना 2011 में की गई थी। भारत के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण ने कहा कि 1 अप्रैल 2026 से मकानों की लिस्टिंग, सुपरवाइजर्स और गणना कर्मचारियों की नियुक्ति, काम का बंटवारा किया जाएगा। 1 फरवरी 2027 को जनसंख्या की जनगणना शुरू होगी। हाउसलिस्टिंग के लिए तैयार किए गए 3 दर्जन सवाल महापंजीयक और जनगणना आयुक्त कार्यालय ने नागरिकों से पूछे जाने वाले लगभग तीन दर्जन सवाल तैयार किए हैं। इस बार सर्वे के दौरान घरों से फोन, इंटरनेट, वाहन (साइकिल, स्कूटर, मोटरसाइकिल, कार, जीप, वैन) और उपकरणों (रेडियो, टीवी, ट्रांजिस्टर) जैसी वस्तुओं के स्वामित्व के बारे में पूछा जाएगा। नागरिकों से अनाज की खपत, पीने के पानी और लाइटिंग, शौचालयों के प्रकार और उन तक पहुंच, अपशिष्ट जल का निपटान, स्नान और रसोई की सुविधाएं, खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ईंधन और एलपीजी/पीएनजी कनेक्शन के बारे में भी पूछा जाएगा। बाकी के सवालों में घर के फर्श, दीवारों और छत के लिए इस्तेमाल सामग्री, इसकी स्थिति, निवासियों की संख्या, कमरों की संख्या, विवाहित जोड़े और क्या घर की मुखिया महिला है या अनुसूचित जाति या जनजाति से है, यह सब शामिल हैं। इसके बाद दूसरे चरण यानी जनसंख्या गणना (पीई) में, हर घर के सभी सदस्यों का डेमोग्राफ, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और बाकी जानकारी ली जाएगी। प्रशासनिक सीमांकन की डेडलाइन 31 दिसंबर 2025 केंद्र सरकार ने सभी विभागों को 31 दिसंबर 2025 से पहले नगर निगमों, राजस्व गांवों, तहसीलों, उप-विभागों या जिलों की सीमाओं में कोई भी प्रस्तावित बदलाव करने का निर्देश जारी किया है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि जनगणना के दौरान यानी 1 जनवरी 2026 और 31 मार्च 2027 के बीच प्रशासनिक यूनिट की सीमाओं में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। मौजूदा सीमाओं में किसी भी बदलाव की सूचना राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जनगणना निदेशालयों और भारत के महापंजीयक को 31 दिसंबर 2025 तक देनी होगी, क्योंकि इसी दिन जनगणना 2027 के लिए, प्रशासनिक इकाइयों की सीमाएं फ्रीज कर दी जाएंगी। नियमानुसार जिलों, उप-जिलों, तहसीलों, तालुकाओं और पुलिस स्टेशनों जैसी प्रशासनिक यूनिट की सीमाओं को निर्धारित करने के तीन महीने बाद ही जनगणना की जा सकती है। काम बांटने के लिए बनेंगे ब्लॉक गणना करने वाले कर्मचारियों के लिए काम का लोड बराबरी से बांटा जा सकते, इसके लिए, एक प्रशासनिक यूनिट को मैनेजेबल सेक्शन में डिवाइड किया जाता है जिन्हें ब्लॉक कहते हैं। ब्लॉक जनगणना के उद्देश्यों के लिए एक काल्पनिक मानचित्र पर किसी गांव या कस्बे के भीतर स्पष्ट परिभाषित क्षेत्र है। इन्हें हाउसलिस्टिंग ऑपरेशन के दौरान हाउसलिस्टिंग ब्लॉक (एचएलबी) और जनसंख्या गणना के दौरान गणना ब्लॉक (ईबी) कहा जाता है और ये जनगणना के लिए सबसे छोटी प्रशासनिक यूनिट के रूप में काम करते हैं।

जनगणना 2027- पहला फेज 1 अप्रैल 2026 से शुरू होगा:घरों की लिस्टिंग होगी; राज्यों को निर्देश- 31 दिसंबर 2025 तक सीमांकन पूरा करें
Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - avpganga
जनगणना 2027 का पहला चरण, जिसमें घरों की लिस्टिंग की जाएगी, 1 अप्रैल 2026 से शुरू होगा। भारत के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण ने कुछ महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं, जिनमें सभी राज्यों को 31 दिसंबर 2025 तक सीमांकन का काम पूरा करने का आदेश दिया गया है। यह जनगणना भारत की 16वीं और स्वतंत्रता के बाद की 8वीं जनगणना है, जो कि 16 साल बाद होने जा रही है। पिछले बार जनगणना 2011 में हुई थी। यह जनगणना विशेष रूप से जाति गणना के साथ की जाएगी।
रूपरेखा और प्रक्रिया
जनगणना का कार्य दो चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में, जिन्हें हाउसलिस्टिंग ऑपरेशन कहा जाएगा, प्रत्येक घर की आवासीय स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं की जानकारी एकत्रित की जाएगी। इस दौरान सवालों की एक सूची तैयार की जाएगी, जिसमें घरों में मौजूद फोन, इंटरनेट, वाहनों और उपकरणों के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी। जनसंख्या की गणना का दूसरा चरण 1 फरवरी 2027 को शुरू होगा।
क्या-क्या शामिल होगा?
इस बार सर्वे के दौरान कुछ महत्वपूर्ण जानकारी इकट्ठा की जाएगी। नागरिकों से अनाज की खपत, पीने के पानी की गुणवत्ता, शौचालय के प्रकार, अपशिष्ट जल का निपटान, स्नान और रसोई की सुविधाएं, तथा खाना पकाने के लिए इस्तेमाल होने वाले ईंधन के बारे में पूछा जाएगा। इसके अलावा, यह जानकारी भी ली जाएगी कि क्या घर की मुखिया महिला है और क्या निवासी अनुसूचित जाति या जनजाति से हैं।
प्रशासनिक सीमाएं
केंद्र सरकार ने एक सख्त निर्देश जारी किया है कि सभी विभाग 31 दिसंबर 2025 से पहले नगर निगमों, राजस्व गांवों, तहसीलों, उप-विभागों या जिलों की सीमाओं में किसी भी बदलाव का प्रस्ताव नहीं दें। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि जनगणना के दौरान यानी 1 जनवरी 2026 और 31 मार्च 2027 के बीच प्रशासनिक यूनिट की सीमाओं में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
काम का बंटवारा
जनगणना प्रक्रिया में कर्मचारियों के काम का बंटवारा भी किया जाएगा। प्रशासनिक यूनिट को छोटे-छोटे ब्लॉकों में विभाजित किया जाएगा, जिन्हें हाउसलिस्टिंग ब्लॉक (एचएलबी) और गणना ब्लॉक (ईबी) कहा जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि सभी कर्मचारी कार्य को कुशलता से पूरा करें।
निष्कर्ष
जनगणना 2027 भारत की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का बेहतर चित्रण करने में सहायक होगी। यह न केवल सरकारी योजनाओं के लिए डेटा प्रदान करेगी, बल्कि इसके माध्यम से विकास के नए मार्ग भी प्रशस्त होंगे। जनगणना की यह प्रक्रिया सभी सरकारों और नागरिकों के बीच समन्वय स्थापित करने का कार्य भी करेगी। इसे सफल बनाने के लिए सभी राज्यों को केन्द्र के निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा।
देश की जनगणना, जो 16 साल बाद होने जा रही है, उस पर नजर रखना और सक्रिय रूप से भाग लेना सभी नागरिकों का कर्तव्य है। इसके लिए समय मन से और सही तरीके से काम करना आवश्यक है। जानकारी के अधिक अपडेट के लिए, यहां क्लिक करें.
Keywords:
census 2027, household listing, demographic data, administrative boundaries, data collection India, census phase 1, socio-economic survey, India census 2026, government directivesWhat's Your Reaction?






