मैं कसम खाता हूं…दिल्ली में केजरीवाल ने 40 लाख लोगों को BJP-कांग्रेस के खिलाफ दिलाई शपथ
Arvind Kejriwal: दिल्ली के जंतर-मंतर पर रेखा सरकार की बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ आम आदमी पार्टी (AAP) ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। रविवार को अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में आयोजित विरोध प्रदर्शन में आप नेताओं ने भाजपा और कांग्रेस पर जबरदस्त हमले किए। इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के 40 लाख झुग्गीवासियों को भाजपा और कांग्रेस को कभी भी वोट नहीं देने की शपथ दिलाई। दूसरी ओर अरविंद केजरीवाल के सियासी हमलों पर भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने पलटवार किया है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा “आज जो भाषा अरविंद केजरीवाल और गोपाल राय ने प्रधानमंत्री और उनके आवास को लेकर बोली, वह दर्शाती है कि उनके भीतर का नक्सलवाद अब भी जिंदा है। ऐसे नक्सली मानसिकता के लोगों की समाज में कोई जगह नहीं है।”

मैं कसम खाता हूं…दिल्ली में केजरीवाल ने 40 लाख लोगों को BJP-कांग्रेस के खिलाफ दिलाई शपथ
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दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक ऐतिहासिक विरोध प्रदर्शन के दौरान 40 लाख झुग्गीवासियों को भाजपा और कांग्रेस के खिलाफ शपथ दिलाई है। यह प्रदर्शन रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित किया गया था, जिसमें AAP नेताओं ने केंद्र सरकार और भाजपा पर तीखे हमले किए।
विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य
इस विरोध प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य रेखा सरकार की बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ लोगों को एकजुट करना था। केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार झुग्गीवासियों का अधिकार सुरक्षित रखने के लिए अडिग है। उन्होंने दिल्ली की आबादी को विश्वास दिलाया कि उनकी पार्टी सत्ता में रहते हुए कभी भी उनकी आवाज़ को दबाने नहीं देगी।
शपथ समारोह
प्रदर्शन के दौरान, केजरीवाल ने 40 लाख झुग्गीवासियों को यह शपथ दिलाई कि वे भाजपा और कांग्रेस को कभी वोट नहीं देंगे। यह शपथ केवल एक राजनीतिक घोषणा नहीं थी, बल्कि एक मजबूती से खड़े रहने की आवश्यकता का संकेत भी था। उन्होंने सभी लोगो से कहा कि हमें एकजुट होकर उनकी सरकार को मजबूत करना चाहिए।
भाजपा की प्रतिक्रिया
इस विरोध प्रदर्शन पर भाजपा की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने केजरीवाल के भाषणों को 'नक्सलवादी मानसिकता' का प्रतिनिधित्व करने वाला करार दिया। उन्होंने कहा, "आज जो भाषा अरविंद केजरीवाल और गोपाल राय ने प्रधानमंत्री और उनके आवास के खिलाफ इस्तेमाल की, वह उनके भीतर के नक्सलवाद को उजागर करती है। ऐसे नक्सलवादी मानसिकता के लोगों की समाज में कोई जगह नहीं है।" उनका यह बयान स्पष्ट संकेत देता है कि राजनीतिक प्रतिरोध की इस स्थिति में दोनों दलों के बीच मतभेद और गहरा हो गया है।
अर्थव्यवस्था और राजनीति पर प्रभाव
इस विरोध प्रदर्शन का राजनीतिक और आर्थिक प्रभाव लंबे समय तक देखने को मिल सकता है। झुग्गीवासियों का वोट बैंक अत्यधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि वे दिल्ली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। केजरीवाल की सरकार ने सामाजिक न्याय और अधिकारों के विषय पर हमेशा से जोर दिया है, जिसमें झुग्गीवासियों को उचित आवास और सुरक्षा की आवश्यकता को प्रमुखता दी गई है।
निष्कर्ष
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आयोजित इस विरोध प्रदर्शन ने न केवल विपक्ष के लिए एक स्पष्ट संदेश भेजा है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि दिल्ली में राजनीतिक वातावरण कितना गंभीर हो गया है। AAP के नेता अपने वोटरों को एकजुट करने में सफल रहे हैं, लेकिन भाजपा के मजबूत प्रतिरोध से इस स्थिति में और भी पेचीदगी आ सकती है। आने वाले समय में इस राजनीतिक नाटक के सभी पहलुओं पर बेहतर दृष्टिकोण रखना आवश्यक होगा।
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