ज्योति केस में वकील ने लगाई डिफॉल्ट बेल:बोले- चालान नहीं दिया, कोर्ट ने पुलिस से कल तक मांगा जवाब

पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में जेल में बंद यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा मामले में चार्जशीट को लेकर विवाद चल रहा है। हिसार कोर्ट में पुलिस ने तीन एप्लिकेशन थी, जिसमें कहा गया था कि ज्योति को अधूरा चालान दिया जाए, इसके अलावा ज्योति मल्होत्रा के वकील कुमार मुकेश पर मीडिया ब्रीफिंग पर रोक लगाने के लिए अपील की गई थी। शुक्रवार को इस मामले को लेकर बहस हुई। आज बहस के दौरान पुलिस के वकील ने कहा कि अभी हमारी जांच पूरी नहीं हुई है ऐसे में संवेदनशील जानकारी देने से जांच प्रभावित हो सकती है। इसलिए आरोपी पक्ष को खुफिया जानकारी नहीं दी जाए। ज्योति मल्होत्रा के वकील कुमार मुकेश ने कोर्ट में कहा कि अभी तक मुझे चालान नहीं मिला है। क्या चालान के अंदर यह बताया गया है कि अभी जांच पूरी नहीं हुई है। कोर्ट में दूसरा चालान दिया जाएगा। ज्योति को तुरंत प्रभाव से रिहा कर दिया जाए-वकील कुमार मुकेश ने बताया कि कानून के हिसाब में 14 अगस्त को पुलिस ने ज्योति मल्होत्रा के खिलाफ जांच पूरी कर ली थी। अगर 14 अगस्त तक पुलिस जांच पूरी नहीं करती तो 15 अगस्त को ज्योति को रिहा होना था। आज तक मुझे चालान नहीं दिया गया है। आज कोर्ट में मुझे पता लगा कि अभी पुलिस की जांच पूरी नहीं हुई है। आरोपी पक्ष का अधिकार बनता है कि तुरंत प्रभाव से उसे रिहा कर दिया जाए। इसलिए कोर्ट में डिफॉल्ट बेल लगाई है। इस तरह के मामलों में सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर है। अधूरी पुलिस जांच के मामले में आरोपी पक्ष का बेल का अधिकार है। जिसकी कॉपी कोर्ट में जमा कर दी गई है। कोर्ट ने इस मामले को लेकर शनिवार को पुलिस से जवाब मांगा। ज्योति को 15 मई को किया था गिरफ्तार बता दें कि हिसार पुलिस ने ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान के लिए जासूसी के शक में 15 मई को गिरफ्तार किया था। उस पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152 और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 की धारा 3, 4 और 5 के तहत जासूसी, राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने और गोपनीय जानकारी साझा करने जैसे गंभीर आरोप हैं। 4 अगस्त को ज्योति की हिसार कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए छठी बार पेशी हुई थी। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए ज्योति की न्यायिक हिरासत 14 दिन और बढ़ा दी। ज्योति की अगली पेशी 18 अगस्त को होगी। ज्योति को इस बार कोर्ट में पेश किया जा सकता है। पाकिस्तान और चीन की यात्रा से शक के घेरे में आई थी ज्योति ट्रैवल ब्लॉगर ज्योति मल्होत्रा सुरक्षा एजेंसियों की नजर में तब आई जब वह पिछले साल 2024 में 2 महीने के भीतर पाकिस्तान और फिर चीन गई थी। ज्योति मल्होत्रा के यूट्यूब पर अपलोड वीडियो की डेट के अनुसार वह 17 अप्रैल 2024 को पाकिस्तान गई थी। 15 मई तक वह पाकिस्तान में ही रही। इसके बाद भारत लौटी। पाकिस्तान से लौटने के 25 दिन बाद ही 10 जून को वह चीन चली गई। 9 जुलाई तक चीन में रही और फिर वहीं से 10 जुलाई को नेपाल में काठमांडू पहुंच गई। इससे पहले वह करतारपुर कॉरिडोर से पाकिस्तान गई तो वहां पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री और पूर्व पीएम नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज शरीफ से मिली और उनका इंटरव्यू तक किया।

Aug 29, 2025 - 18:33
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ज्योति केस में वकील ने लगाई डिफॉल्ट बेल:बोले- चालान नहीं दिया, कोर्ट ने पुलिस से कल तक मांगा जवाब
ज्योति केस में वकील ने लगाई डिफॉल्ट बेल:बोले- चालान नहीं दिया, कोर्ट ने पुलिस से कल तक मांगा जवाब

ज्योति केस में वकील ने लगाई डिफॉल्ट बेल: बोले- चालान नहीं दिया, कोर्ट ने पुलिस से कल तक मांगा जवाब

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हिसार – पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में जेल में बंद यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के मामले में एक नया मोड़ आया है। उनके वकील, कुमार मुकेश, ने कोर्ट में डिफॉल्ट बेल की याचिका लगाई, यह कहते हुए कि उन्हें अभी तक चालान नहीं दिया गया है। मामला अब कोर्ट के समक्ष है, जहां कोर्ट ने पुलिस से इस मुद्दे पर कल तक जवाब देने को कहा है।

चार्जशीट और पुलिस की जांच

इस मामले से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब हिसार कोर्ट में पुलिस ने तीन अलग-अलग आवेदन दिए, जिनमें से एक में कहा गया था कि ज्योति को अधूरे चालान पर रिहा किया जाए। पुलिस के वकील ने अदालत में बताया कि उनकी जांच अभी पूरी नहीं हुई है और ऐसे में संवेदनशील जानकारी को साझा करने से मामले में अवरोध उत्पन्न हो सकता है।

ज्योति के वकील का तर्क

कुमार मुकेश ने कोर्ट में स्पष्ट किया कि कानून के अनुसार, यदि पुलिस 14 अगस्त तक जांच पूरी नहीं करती है, तो ज्योति को 15 अगस्त को रिहा होना पड़ेगा। उन्होंने अदालत को बताया कि अभी तक उन्हें चालान प्राप्त नहीं हुआ और यदि ऐसा होता है तो यह उनकी अधिकारिक विचारधारा है कि उन्हें तुरंत रिहा किया जाए।

कोर्ट की क्रियावली

कोर्ट ने आज की सुनवाई के दौरान डिफॉल्ट बेल पर विचार करते हुए पुलिस को आदेश दिया कि वे एक ठोस जवाब कल तक पेश करें। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि मामलों की संवेदनशीलता की दृष्टि से सही निर्णय लेना आवश्यक है।

ज्योति की गिरफ्तारी का संदर्भ

ज्योति मल्होत्रा को 15 मई को गिरफ्तार किया गया था। उन पर जासूसी करने, राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने और गोपनीय जानकारी साझा करने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। यह मामला तब प्रकाश में आया जब उन्होंने पाकिस्तान और चीन की यात्रा की थी। उनकी रिपोर्ट्स और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे, जिससे सुरक्षा एजेंसियों की नजर उन पर पड़ी।

क्या आगे होगा?

ज्योति की अगली पेशी 18 अगस्त को होगी, जहां उनके मामले की आगे की सुनवाई की जाएगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि अदालत इस मामले में क्या निर्णय लेती है और पुलिस की जांच का क्या परिणाम आता है।

इस मामले में जो भी परिणाम निकलकर आएगा, वो न केवल ज्योति के लिए बल्कि अन्य रचनात्मक व्यक्तियों के लिए भी एक संकेत होगा, जो चुनौतीपूर्ण स्थितियों में फंस जाते हैं।

चालान के अधूरे होने का जो तर्क दिया गया है, वह यह दर्शाता है कि कानूनी प्रक्रिया में कई बार निर्माणात्मक बाधाएँ आती हैं। ऐसे मामलों में न्याय करने की प्रक्रिया धीरे-धीरे आगे बढ़ती है। 21वीं सदी में, जहां तकनीकी विकास हो रहा है, इस तरह के मामलों की जांच में पारदर्शिता होना अति आवश्यक है।

अंत में, हमें उम्मीद है कि न्यायालय सही और तर्कसंगत निर्णय लेगा जो सभी पक्षों के हित में होगा।

— लेखिका: स्नेहा, प्रिया, और नीलम, टीम avpganga

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Jyoti Malhotra case, default bail, Hisar court, Pakistan espionage case, Kumar Mukesh advocate, legal proceedings, judicial custody, national security issues

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