देहरादून में आयुष्मान कार्डों में मिला फर्जीवाड़ा, शिकायत के बाद पुलिस ने किया मुकदमा दर्ज
देहरादून: राजधानी देहरादून में आयुष्मान फर्जीवाड़े का बड़ा मामला सामने आने के बाद थाना राजपुर और नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है. जिला खाद्य आपूर्ति कार्यालय की ओर से निरस्त किए गए 1,36,676 राशन कार्डों के सापेक्ष कुछ लोगों ने 9428 फर्जी आयुष्मान कार्ड बना दिए. राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण (एसएचए) ने जिला खाद्य […] The post देहरादून में आयुष्मान कार्डों में मिला फर्जीवाड़ा, शिकायत के बाद पुलिस ने किया मुकदमा दर्ज appeared first on Dainik Uttarakhand.

देहरादून में आयुष्मान कार्डों में मिला फर्जीवाड़ा, शिकायत के बाद पुलिस ने किया मुकदमा दर्ज
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देहरादून: राजधानी देहरादून में आयुष्मान फर्जीवाड़े का बड़ा मामला सामने आने के बाद थाना राजपुर और नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है। जिला खाद्य आपूर्ति कार्यालय की ओर से निरस्त किए गए 1,36,676 राशन कार्डों के सापेक्ष कुछ लोगों ने 9428 फर्जी आयुष्मान कार्ड बना दिए। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण (एसएचए) ने जिला खाद्य आपूर्ति कार्यालय से भेजे गए डेटा की जांच की तो फर्जीवाड़े का पता चला। अब दोनों थाने की पुलिस ऐसे सभी मामलों को चिन्हित कर कार्रवाई में जुट गई है, ताकि अपात्र व्यक्तियों को सरकारी योजनाओं का लाभ ना मिल सके।
आयुष्मान कार्ड में फर्जीवाड़ा का खुलासा
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अतिरिक्त निदेशक (आईटी) अमित शर्मा ने थाना राजपुर में शिकायत दर्ज कराई है कि फर्जी राशन कार्डों के आधार पर बनाए गए 9,428 आयुष्मान कार्डों में से अब तक 150 कार्ड निरस्त किए जा चुके हैं। जबकि अन्य कार्ड निरस्त करने की भी प्रक्रिया जारी है। जिला खाद्य आपूर्ति कार्यालय द्वारा निरस्त किए गए राशन कार्ड 1,36,676 का डेटा प्रदान किया गया था। जब राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण (एसएचए) ने जिला खाद्य आपूर्ति कार्यालय से भेजे गए डेटा की जांच की तो फर्जीवाड़े का पता चला।
सिस्टम में गड़बड़ी और फर्जीवाड़े की संभावना
जांच में निरस्त किए गए 136676 राशन कार्ड के सापेक्ष 9,428 आयुष्मान कार्ड फर्जी बने हुए पाए गए हैं। जिनको राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण (SHA) ने निष्क्रिय करने की प्रक्रिया गतिमान है और 150 कार्डों को निरस्त किए भी जा चुके हैं। यह धांधली इतनी व्यापक हो गई है कि इसमें किसी गिरोह के शामिल होने का संदेह भी व्यक्त किया जा रहा है। ऐसे आयुष्मान कार्डों से करोड़ों रुपए का लाभ उठाया गया है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर व्यापक सत्यापन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राशन कार्ड की जांच का व्यापक सत्यापन अभियान शुरू किया गया था। आयुष्मान योजना का लाभ लेने के लिए राशन कार्ड आवश्यक दस्तावेज हैं। ऐसे में आयुष्मान योजना का लाभ उठाने के लिए बड़ी संख्या में अपात्र लोगों ने फर्जी तरीके से राशन कार्ड बनाए। जैसे ही इन राशन कार्ड का डाटा ऑनलाइन हुआ, आयुष्मान कार्ड भी जारी हो गए।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की रणनीति
एसपी सिटी प्रमोद कुमार ने बताया है कि राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अतिरिक्त निदेशक (आईटी) अमित शर्मा की शिकायत पर थाना राजपुर में मुकदमा दर्ज किया गया है। साथ ही जिला पूर्ति कार्यालय के राशनकार्ड प्रभारी शशांक चौधरी की शिकायत पर कोतवाली नगर में भी मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस द्वारा दोनों थानों में मुकदमा दर्ज कर अब सभी ऐसे मामलों को चिन्हित कर आगे की कार्रवाई की जाएगी, ताकि अपात्र व्यक्तियों को सरकारी योजनाओं के अनुचित लाभ से रोका जा सके।
यह मामला सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता की कमी और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लाभ उठाने की गंभीरता को उजागर करता है। मामलों की जांच और कार्रवाई के बीच, यह जरूरी है कि नागरिक भी सरकारी योजनाओं का लाभ सही तरीके से उठाएँ और व्यवस्था में सुधार के लिए सतर्क रहें।
हम सभी नागरिकों को चाहिए कि वे ऐसे मामलों की जानकारी अधिकारियों तक पहुँचाएँ ताकि फर्जीवाड़ों पर रोक लग सके।
सभी को मिलकर इस समस्या से निपटने के लिए जागरूक रहना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे फर्जीवाड़ों को प्रयासों से रोका जा सके।
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