पंचायत में भाजपा के दिग्गजों को जनता ने नकारा…

देहरादून : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी तो जीत गई, लेकिन परिवार हार गए। पार्टी ने जहां भी दिग्गजों के परिजन को मैदान में उतारा, वहीं जनता ने उन्हें नकार दिया। पंचायत चुनाव में पार्टी दिग्गजों के बहू, बेटे, पत्नी को मतदाताओं ने सिरे से नकार दिया। नैनीताल में भाजपा विधायक सरिता […] The post पंचायत में भाजपा के दिग्गजों को जनता ने नकारा… appeared first on Dainik Uttarakhand.

Aug 3, 2025 - 09:33
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पंचायत में भाजपा के दिग्गजों को जनता ने नकारा…
पंचायत में भाजपा के दिग्गजों को जनता ने नकारा…

पंचायत में भाजपा के दिग्गजों को जनता ने नकारा…

देहरादून : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी तो जीत गई, लेकिन परिवार हार गए। पार्टी ने जहां भी दिग्गजों के परिजन को मैदान में उतारा, वहीं जनता ने उन्हें नकार दिया। पंचायत चुनाव में भाजपा दिग्गजों के बहू, बेटे, पत्नी को मतदाताओं ने सिरे से नकार दिया।

नैनीताल में भाजपा विधायक सरिता आर्या के बेटे रोहित आर्या, सल्ट विधायक महेश जीना के बेटे करन को स्याल्दे बबलिया क्षेत्र पंचायत सीट, बदरीनाथ के पूर्व विधायक राजेंद्र भंडारी की पत्नी रजनी भंडारी, लोहाघाट के पूर्व विधायक पूरन सिंह फर्त्याल की बेटी, लैंसडोन विधायक दिलीप रावत की पत्नी, नैनीताल जिला में भाजपा की निर्वतमान जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया, भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा की बहू, चमोली भाजपा जिलाध्यक्ष गजपाल भर्तवाल जैसे तमाम दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा।

परिवारवाद पर सवाल उठाते भाजपा नेता

भाजपा चुनाव में कांग्रेस पर परिवारवाद को लेकर सियासी प्रहार करती रही। लेकिन इस बार मतदाताओं ने कांग्रेस के परिवारवाद को स्वीकार किया, जबकि भाजपा को नकार दिया। यह स्थिति उन दिग्गजों के लिए एक बड़ा संकेत है, जो अपने परिवार के सदस्यों को चुनावी मैदान में उतारने की योजना बना रहे थे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा ने यदि सशक्त दावेदारों का चयन किया होता, तो चुनाव परिणाम भिन्न हो सकते थे।

भाजपा की ऐतिहासिक जीत

पंचायत चुनाव की यह जीत न केवल उत्साहवर्धक है बल्कि ऐतिहासिक भी है। भाजपा को 2019 में 200 सीटें मिली थीं, जिसमें हरिद्वार भी शामिल था। इस बार भाजपा को हरिद्वार छोड़कर 216 सीटें मिली हैं। अगर हरिद्वार की 44 सीटों को जोड़ें तो यह आंकड़ा 260 होता है। सीएम पुष्कर सिंह धामी सरकार की पंचायतों में यह अब तक की सबसे ऐतिहासिक जीत है। सभी जिलों में भाजपा का बोर्ड बनने की संभावना है।

आगे की राह और रणनीतियाँ

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने इस जीत को लेकर उत्साह व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, "यह जीत हमारी मेहनत का नतीजा है और हम अपने कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करते हैं। अब हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम जनता के विश्वास को बनाए रखें और उनके मुद्दों को प्राथमिकता दें।”

आने वाले चुनावों में भाजपा को परिवारवाद जैसे मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता है, यदि उन्हें लोकतांत्रिक रूप से मजबूत आधार प्राप्त करना है। डेटा और विश्लेषण बताते हैं कि जनता अपनी आवाज उठाने में संकोच नहीं कर रही है, और यह संदेश स्पष्ट है कि केवल नाम से नहीं, बल्कि काम करने वाले नेताओं की जरूरत है।

इन नतीजों ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि राजनीतिक रणनीतियाँ अब केवल पारिवारिक संबंधों पर निर्भर नहीं कर सकतीं। भाजपा को अब अपनी रणनीतियों को अद्यतन करना होगा, ताकि वे समाज के आम आदमी की उम्मीदों पर खरा उतर सकें।

– टीम avpganga

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