स्कूली बच्चों से रेता बजरी उठवाने पर प्राथमिक विद्यालय बंजारावाला की प्रधानाचार्य निलंबित..

देहरादून: राजकीय प्राथमिक विद्यालय बांध विस्थापित बंजारावाला, देहरादून में छात्रों से बजरी, रेता, मिट्टी ढुलाई कराने संबंधी सोशल मीडिया पर प्रचारित वीडियो का संज्ञान लेते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने विद्यालय की प्रधानाचार्य को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी किया। दरअसल 06 अक्टूबर को सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचारित वीडियो जिसमें […] The post स्कूली बच्चों से रेता बजरी उठवाने पर प्राथमिक विद्यालय बंजारावाला की प्रधानाचार्य निलंबित.. appeared first on Dainik Uttarakhand.

Oct 7, 2025 - 09:33
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स्कूली बच्चों से रेता बजरी उठवाने पर प्राथमिक विद्यालय बंजारावाला की प्रधानाचार्य निलंबित..
स्कूली बच्चों से रेता बजरी उठवाने पर प्राथमिक विद्यालय बंजारावाला की प्रधानाचार्य निलंबित..

स्कूली बच्चों से रेता बजरी उठवाने पर प्राथमिक विद्यालय बंजारावाला की प्रधानाचार्य निलंबित

देहरादून: राजकीय प्राथमिक विद्यालय बांध विस्थापित बंजारावाला, देहरादून में छात्रों से बजरी, रेता, मिट्टी ढुलाई कराने संबंधी सोशल मीडिया पर प्रचारित वीडियो का संज्ञान लेते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने विद्यालय की प्रधानाचार्य को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी किया। यह घटना शिक्षा प्रणाली में बच्चों के अधिकारों के संबंध में गंभीर चिंता उत्पन्न करती है।

घटना की पृष्ठभूमि

06 अक्टूबर को सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ जिसमें देखा गया कि छोटे बच्चे स्कूल गणवेश में बजरी और रेत उठाने का कार्य कर रहे हैं। इनके पास बेल्चा, फावड़ा और तसला जैसे उपकरण थे। वीडियो में बच्चे स्कूल के प्रांगण में रेत और मिट्टी उठाते दिखाई दे रहे थे, जो शिक्षा के परिसर में बाल श्रम के प्रयोग को दर्शाता है। इस विवादास्पद घटनाक्रम ने लोकल प्रशासन के ध्यान को आकर्षित किया और तत्काल कार्रवाई की गई।

प्रशासन की कार्रवाई

वीडियो का संज्ञान लेते हुए मुख्य शिक्षा अधिकारी ने उप शिक्षा अधिकारी रायपुर को जांच के निर्देश दिए। जांच में यह साबित हुआ कि विद्यालय में छात्रों से बाल श्रम कराया जा रहा था। इसके परिणामस्वरूप, जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रधानाचार्य को तत्काल निलंबित कर दिया। इसके अलावा, अन्य शिक्षिकाओं से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है और यदि किसी भी शिक्षिका की भूमिका संदिग्ध पायी जाती है, तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी। यह कदम शिक्षा प्रणली में सुधार लाने के प्रति प्रशासन की गंभीरता को दर्शाता है।

समाज में बाल श्रम की स्थिति

यह घटना देश भर में बाल श्रम के खतरे को उजागर करती है। बच्चों को स्कूल में पढ़ाई के लिए भेजा जाना चाहिए, न कि उन्हें शारीरिक श्रम करने के लिए बाध्य किया जाना चाहिए। भारत में कई सरकारी नीतियाँ एवं योजनाएँ हैं जो बच्चों को शिक्षा का अधिकार देती हैं, लेकिन इस प्रकार की घटनाएँ यह दर्शाती हैं कि लापरवाही की कमी है। बाल श्रम के खिलाफ सख्त कानून होने के बावजूद, इसे रोकने में संघर्ष जारी है।

निष्कर्ष

प्राथमिक विद्यालय बंजारावाला की प्रधानाचार्य के निलंबन से यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन बच्चों के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमें समाज के हर हिस्से को यह समझाने की आवश्यकता है कि बच्चों को शिक्षा में प्राथमिकता देने की कितनी जरूरत है। यदि इस घटना का सही संदेश पाया जाता है, तो यह आगे आने वाले दिनों में अन्य विद्यालयों के लिए एक उदाहरण बन सकता है। इस प्रकार की एक सकारात्मक पहल से बच्चों को बेहतर भविष्य की ओर ले जाने में मदद मिलेगी।

यह समाचार हमें यह याद दिलाता है कि बाल श्रम जैसी समस्याओं के समाधान के लिए समाज में जागरूकता की immensely आवश्यकता है। ऐसा होना चाहिए कि समाज में शिक्षा का महत्व जागृत हो और हर बच्चा अपने अधिकारों को समझे और उनका उपयोग करे।

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