हम भाजपा नेता हैं, इनके लोन माफ करो, अन्यथा बैंक में आग लगा देंगे…धमकी भरे ई-मेल से हड़कंप
Crime News:भाजपा नेताओं के नाम से बैंकों को ऋण माफ करने की धमकी भरे ई-मेल से पुलिस में भी हड़कंप मचा हुआ। ये मामला उत्तराखंड के देहरादून का है। यहां पर एसबीआई की मसूरी स्थित चार शाखाओं को भाजपा नेताओं के नाम से धमकी भरा ई-मेल भेजने का मामला सामने आया है। सोमवार को एसबीआई की मुख्य शाखा समेत चार शाखाओं को एक फर्जी ई-मेल भाजपा मसूरी मंडल अध्यक्ष रजत अग्रवाल, पूर्व मंडल अध्यक्ष मोहन पेटवाल और मीडिया प्रभारी जगजीत कुकरेजा के नाम से भेजा गया। इस ई-मेल में मसूरी के लोगों के सभी ऋण माफ करने की बात कही गई। ऐसा न करने पर बैंक का सभी कैश, जेवर लेने और कर्मचारियों की कनपटी पर बंदूक रखे जाने और बैंक में आग लगाने की धमकी दी गई। धमकी भरा ई-मेल मिलने की सूचना पर एसबीआई के मुख्य प्रबंधक सचिन शाह ने कोतवाली में तहरीर दी है। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। बताया कि मेल में मुख्य शाखा सहित एसबीआई लबासना, एसबीआई लंढौर कैंट और एसबीआई गुरुनानक स्कूल शाखा शामिल हैं। उन्होंने इस संबंध में पुलिस में लिखित शिकायत दी है ओर बैंकों में सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है।

हम भाजपा नेता हैं, इनके लोन माफ करो, अन्यथा बैंक में आग लगा देंगे…धमकी भरे ई-मेल से हड़कंप
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Crime News: उत्तराखंड के देहरादून की शांत वादियों में अचानक एक गंभीर घटना ने हड़कंप मचा दिया है। यहां पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की चार शाखाओं को भाजपा नेताओं के नाम से एक धमकी भरा ई-मेल भेजा गया, जिसमें ऋण माफ करने की मांग की गई थी। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो बैंक में आग लगाने और अन्य गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई है।
धमकी भरे ई-मेल का खुलासा
सोमवार को एसबीआई की मसूरी स्थित मुख्य शाखा समेत चार अन्य शाखाओं को इस संदिग्ध ई-मेल का सामना करना पड़ा। ई-मेल में भाजपा मसूरी मंडल के अध्यक्ष रजत अग्रवाल, पूर्व मंडल अध्यक्ष मोहन पेटवाल और मीडिया प्रभारी जगजीत कुकरेजा के नाम का प्रयोग किया गया। इसमें ये कहा गया कि यदि मसूरी के लोगों के सभी ऋण माफ नहीं किए गए, तो बैंक का सभी कैश, जेवर और कर्मचारियों की सुरक्षा को खतरे में डाला जाएगा।
पुलिस की कार्रवाई और सुरक्षा बढ़ाने की मांग
ई-मेल की सूचना मिलते ही एसबीआई के मुख्य प्रबंधक सचिन शाह ने तुरंत कोतवाली में तहरीर दी। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस घटना के बाद, एसबीआई ने बैंकों में सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। इस संदर्भ में निर्णय लिया गया है कि सभी शाखाओं में सुरक्षा ऐहतियातों को गहरा किया जाएगा, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से निपटा जा सके।
समाज में चिंता का विषय
यह घटना केवल बैंकिंग प्रणाली के लिए ही नहीं, बल्कि समग्र समाज के लिए एक चिंता का विषय है। जब सामान्य नागरिकों के ऋण माफ करने की धमकी दी जाती है, तो यह कहीं न कहीं समाज में असंतोष और उथल-पुथल को जन्म देती है। लोगों में यह भय है कि ऐसी घटनाएं भविष्य में भी दोबारा हो सकती हैं। लिहाजा, पुलिस विभाग की ओर से इस मामले को प्राथमिकता से सुलझाने का आश्वासन दिया गया है।
निष्कर्ष
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि कई बार आम नागरिकों की सुरक्षा और बैंकिंग प्रणाली के प्रति विश्वास को चुनौती दी जाती है। ऐसे मामलों को रोकने के लिए तत्काल सुरक्षा उपायों की जरूरत है। ऐसे में बैंक प्रशासन और पुलिस दोनों को मिलकर इस मामले का गहराई से अध्ययन करना होगा ताकि भविष्य में इसी तरह की घटनाओं से निपटने के लिए बेहतर तैयारियां की जा सकें।
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