पिथौरागढ़: भारी भूस्खलन से NHPC के पावर हाउस का मुहाना बंद, सभी कार्मिक सुरक्षित
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पिथौरागढ़: भारी भूस्खलन से NHPC के पावर हाउस का मुहाना बंद, सभी कार्मिक सुरक्षित
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रैबार डेस्क: धारचूला में रविवार को सिल्क्यारा जैसा हादसा हो गया। ऐलागाड़ स्थित भूमिगत एनएचपीसी पावर हाउस की टनल के मुहाने पर भीषण भूस्खलन से बड़ा खतरा पैदा हो गया। इस घटना से न केवल पावर हाउस का मुहाना बंद हो गया, बल्कि कई कार्मिक भी सुरंग में फंस गए। राहत की बात यह रही कि सभी कार्मिक सुरक्षित हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है।
भूस्खलन की वजह और आपातकालीन सेवाएं
रविवार की सुबह, अचानक गिरे मलबे और भारी पत्थरों ने एनएचपीसी पावर हाउस की सुरंग के मुहाने को पूरी तरह से अवरुद्ध कर दिया। घटना के तुरंत बाद, जिला प्रशासन, बीआरओ, एनएचपीसी, एनडीआरएफ और सीआईएसएफ की टीमें मौके पर पहुंची और राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया।
जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने बताया कि सुरंग के मुहाने से मलबा पूरी तरह हटा लिया गया है और इमरजेंसी शाफ्ट को लगातार साफ किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, सुरंग में आपातकालीन किचन और भोजन की व्यवस्था पहले से उपलब्ध थी, जिससे फंसे हुए लोगों की स्थिति नियंत्रण में है।
फंसे हुए कार्मिकों की जानकारी
चुके हुए 19 कार्मिक सुरंग के भीतर थे, जिनमें से अब तक 8 कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। बाकी 11 कार्मिकों से लगातार संपर्क बनाए रखा गया है और वे सभी सुरक्षित हैं। यह एक बड़ी राहत है कि घटना की गहराई की जांच की जा रही है और धौलीगंगा पावर स्टेशन को कोई बड़ी क्षति नहीं पहुंची है।
सुरक्षित निकाले गए कार्मिकों की सूची
अब तक सुरक्षित निकाले गए कार्मिकों में शामिल हैं:
- चंदर सोनल (डीजी ऑपरेटर)
- शंकर सिंह (सब-स्टेशन स्टाफ)
- पूरन बिष्ट (मेंटेनेंस स्टाफ)
- नवीन कुमार (मेंटेनेंस स्टाफ - कांट्रेक्ट)
- प्रेम दुग्ताल
- धन राज बहादुर
- गगन सिंह धामी (सिविल)
- पीसी वर्मा
सुरंग में सुरक्षित रहे कार्मिकों से संपर्क साधा गया है और ये सभी कार्मिक भी सुरक्षित हैं। इनमें शामिल हैं:
- ललित मोहन बिष्ट
- सूरज गुरुरानी
- विष्णु गुप्ता (ऑपरेशन कांट्रेक्ट स्टाफ)
- जितेंद्र सोनल
- प्रकाश दुग्ताल
- कमलेश धामी
- सुनील धामी (मेंटेनेंस स्टाफ)
- जी. ऑगस्टीन बाबू
- अपूर्वा राय (मेंटेनेंस स्टाफ - कांट्रेक्ट)
- इंदर गुनजियाल (कैंटीन स्टाफ)
- बिशन धामी
भविष्य के लिए सख्त कदम
इस घटना ने सभी से यह सिखाया है कि प्राकृतिक आपदाओं की तैयारी और रेस्क्यू ऑपरेशन्स कितना महत्वपूर्ण है। स्थानीय रहवासी और प्रशासन अब इसे लेकर और अधिक सतर्क रहने का विचार कर रहे हैं। भूस्खलन के संभावित खतरों से निपटने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग करने की आवश्यकता है।
इस प्रकार की घटनाएँ कभी-कभी बेहद खतरनाक हो सकती हैं, लेकिन प्रशासन और विभिन्न एजेंसियों की तत्परता ने इस बार जान-माल को सुरक्षित रखने में सफलता प्राप्त की। इसके साथ ही, यह सभी को याद दिलाता है कि प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में हमेशा तैयार रहना चाहिए।
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