भारी बारिश से लगातार भूस्खलन, हर दिन 2 से 3 फीट नीचे धंस रही जमीन, मसूरी में घरों की हिलने लगी नींव
मसूरी के झड़ीपानी क्षेत्र में 15 सितंबर की रात से शुरू हुआ भूस्खलन अब तक जारी है। इससे सड़कों में बड़ी-बड़ी दरारें बन गई हैं और घरों की नींव कमजोर हो रही है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए बताया कि 15 सितंबर को एक नेपाली मजदूर की मलबे में दबकर मौत हो गई थी, इसके बाद भी अभी तक कोई भू-वैज्ञानिक टीम या आपदा राहत दल मौके पर नहीं पहुंचा है।

भारी बारिश से लगातार भूस्खलन, हर दिन 2 से 3 फीट नीचे धंस रही जमीन, मसूरी में घरों की हिलने लगी नींव
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मसूरी के झड़ीपानी क्षेत्र में जारी भूस्खलन ने स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय बना दिया है। 15 सितंबर की रात से जारी इस प्राकृतिक आपदा ने न केवल सड़कें बल्कि घरों की नींव को भी कमजोर कर दिया है। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन की लापरवाही की ओर इशारा करते हुए कहा है कि आपातकालीन सेवाएं अभी भी मौके पर नहीं पहुंचीं हैं।
भूस्खलन की गंभीरता
भूस्खलन की समस्या लगातार बढ़ रही है, जिससे हर दिन जमीन 2 से 3 फीट नीचे धंस रही है। इस कारण सड़कें में दरारें आ गई हैं, जिससे यात्रा करना कठिन हो गया है। जलवायु परिवर्तन और भारी बारिश ने इस स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है।
स्थानीय लोगों की शिकायतें
इसी संदर्भ में, स्थानीय लोगों ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया कि 15 सितंबर को एक नेपाली मजदूर की मलबे में दबकर मौत हो गई थी, जो इस क्षेत्र की स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है। इसके बाद भी अधिकारियों द्वारा कोई भू-वैज्ञानिक टीम या आपदा राहत दल मौके पर नहीं पहुंच पाया है। यह स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है।
क्या हैं संभावित उपाय?
इस विनाशकारी भूस्खलन की रोकथाम के लिए यह आवश्यक है कि प्रशासन तात्कालिक कदम उठाए। स्थानीय भू-वैज्ञानिकों और आपदा प्रबंधन टीमों को तुरंत सक्रिय करने की आवश्यकता है ताकि आगे की किसी भी अनहोनी से बचा जा सके। इसके अलावा, क्षेत्र में निवासियों को भी सतर्क रहना होगा और संभावित खतरों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।
निष्कर्ष
मसूरी के झड़ीपानी क्षेत्र में हो रहे भूस्खलन की स्थिति गंभीर है और स्थानीय प्रशासन के प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। नगरवासियों की सुरक्षा के लिए तत्परता सुनिश्चित करना अति आवश्यक है। हमें उम्मीद है कि प्रशासन जल्द ही आवश्यक कदम उठाएगा ताकि इस संकट से बचा जा सके।
इसके अलावा, सभी को सुरक्षित रहने और प्रकृति के प्रति सजग रहने की आवश्यकता है। भूस्खलन और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए उचित उपायों की पहचान करना और उन्हें लागू करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
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