रक्षाबंधन पर बाजार में आकर्षक ईको फ्रेंडली सीड राखियों की धूम
पर्यावरण अनुकूल बीज राखी से तैयार होगी भाई-बहन के अटूट प्रेम की पौध तुलसी, अपराजिता, बेल एवं अन्य सुगंध हर्बल प्लांट के सीड से बनी है, बीज राखियां, रक्षाबंधन… The post रक्षाबंधन पर बाजार में आकर्षक ईको फ्रेंडली सीड राखियों की धूम first appeared on .

रक्षाबंधन पर बाजार में आकर्षक ईको फ्रेंडली सीड राखियों की धूम
Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - avpganga
लेखिका: राधिका, मीरा, प्रिया, टीम avpganga
एक नई पहल: इको फ्रेंडली सीड राखियाँ
रक्षाबंधन का पर्व, भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूती देने का एक विशेष अवसर होता है। इस खास मौके पर देहरादून में महिला स्वयं सहायता समूहों ने एक नई पहल की है, जिसमें इको फ्रेंडली सीड राखियाँ तैयार की गई हैं। ये राखियाँ न केवल भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक हैं, बल्कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने का भी एक अनूठा माध्यम हैं।
बीज राखियों का पर्यावरण संरक्षण में योगदान
इन राखियों को तुलसी, अपराजिता, बेल, अश्वगंधा और सूरजमुखी जैसे हर्बल पौधों के बीजों से सजाया गया है। रक्षाबंधन के बाद, इन राखियों को मिट्टी में दबाकर एक सुगंधित पौधा उगाने का आनंद लिया जा सकता है। यह पहल न केवल भाई-बहन के प्रेम को बढ़ाती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी एक नया आयाम देती है।
स्कूली बच्चों और समाज पर प्रभाव
इस पहल के चलते, आयुष विभाग के द्वारा एक वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें स्कूली बच्चों को बीज राखियाँ वितरित की गईं। मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने कार्यक्रम में भाग लेते हुए कहा, "रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। इन ईको फ्रेंडली राखियों के माध्यम से, हम पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश फैला सकते हैं।"
महिला समूहों की भूमिका
देहरादून की मोहिनी और हरिओम स्वयं सहायता समूह सहित 09 महिला समूहों ने मिलकर इन खूबसूरत बीज राखियों का निर्माण किया है। उनका उद्देश्य समाज में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना और वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करना है। इस प्रकार की पहल से न केवल सामाजिक सहयोग बढ़ता है, बल्कि पर्यावरण के प्रति भी सकारात्मक परिवर्तन आ रहा है।
समापन
इस रक्षाबंधन पर, यदि आप भी अपने भाई या बहन को कुछ खास देना चाहते हैं, तो इको फ्रेंडली सीड राखियाँ एक बेहतरीन विकल्प हो सकती हैं। ये न केवल एक श्रद्धांजलि हैं, बल्कि एक पौधारोपण का भी माध्यम हैं। पर्यावरण और रिश्ते दोनों की समृद्धि का प्रतीक, ये राखियाँ निश्चित रूप से इस पर्व को और खास बनाएँगी।
Keywords:
seed rakhi, eco-friendly rakhi, Raksha Bandhan, herbal seeds, environmental awareness, plant seeds, social initiative, sustainable products, women self-help groups, DehradunWhat's Your Reaction?






