राज ठाकरे बोले- भाजपा सांसद को डुबा-डुबाकर मारेंगे:बाहरी ज्यादती करे तो पीटो; निशिकांत दुबे ने MNS चीफ को पीटने की धमकी दी थी

MNS प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि भाजपा के एक सांसद ने कहा था कि मराठी लोगों को हम यहां पर पटक पटककर मारेंगे। तुम मुंबई आ जाओ। मुंबई के समुंदर में डुबा डुबाकर मारेंगे। राज ठाकरे ने शुक्रवार को मुंबई में एक जनसभा के दौरान कहा, 'मैं यहां भाषा को लेकर कोई विवाद भड़काने नहीं आया हूं, लेकिन सावधान रहो, तुम्हारे साथ कुछ भी हो सकता है। मैं हिंदू हूं, लेकिन मुझ पर हिंदी थोपी नहीं जा सकती।' दरअसल, महाराष्ट्र के भाषा विवाद में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 8 जुलाई को कहा था, 'आप अपने घर महाराष्ट्र में अगर बहुत बड़े बॉस हो तो चलो बिहार, चलो यूपी, चलो तमिलनाडु, तुमको पटक-पटक कर मारेंगे।' BJP सांसद दुबे ने यह जवाब राज ठाकरे के उस बयान पर दिया, जिसमें राज ने कहा था- मराठी ना बोलने पर मारो, लेकिन वीडियो मत बनाओ। भाजपा सांसद ने कहा था- उर्दूभाषियों को मारकर दिखाओ दुबे ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा था कि अगर आपमें ज्यादा हिम्मत है, आप हिंदी भाषी को मारते हैं तो उर्दू भाषी, तमिल, तेलुगु को भी मारो। आप ये घटिया हरकत कर रहे हो। दरगाह के पास उर्दू भाषी को पीटकर दिखाओ दुबे ने कहा था- ये अराजकता नहीं चलेगी। हम मराठी का सम्मान करते हैं। हम शिवाजी महाराज, तात्या टोपे, तिलक, लाजपत राय का सम्मान करते हैं। ये उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे जो कर रहे हैं, उसका हम प्रतिकार करते हैं। भाजपा सांसद ने कहा था कि अगर उनमें हिम्मत है तो बगल में माहिम इलाके में चले जाएं और दरगाह के पास किसी हिंदी-उर्दू भाषी को पीटकर दिखा दें तो मैं मानूंगा कि वो सचमुच बालासाहेब ठाकरे जी के वारिस हैं और उनके सिद्धांतों पर चल रहे हैं। राज ठाकरे ने कहा था- अगर आप किसी को पीटते हैं, तो वीडियो न बनाएं महाराष्ट्र में हिंदी को लेकर जारी विवाद के बीच उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने 'मराठी एकता' पर 5 जुलाई को मुंबई के वर्ली सभागार में 'मराठी विजय रैली' की थी। दोनों ने 48 मिनट तक हिंदी-मराठी भाषा विवाद, मुंबई-महाराष्ट्र, भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साधा। दोनों नेताओं ने कहा- तीन भाषा का फॉर्मूला केंद्र से आया। हिंदी से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इसे थोपा नहीं जाना चाहिए। अगर मराठी के लिए लड़ना गुंडागर्दी है तो हम गुंडे हैं। राज ठाकरे ने कहा था, 'चाहे गुजराती हो या कोई और, उसे मराठी आनी चाहिए, लेकिन अगर कोई मराठी नहीं बोलता तो उसे पीटने की जरूरत नहीं है, लेकिन अगर कोई बेकार का ड्रामा करता है तो आपको उसके कान के नीचे मारना चाहिए। अगर आप किसी को पीटते हैं, तो घटना का वीडियो न बनाएं। पूरी खबर पढ़ें... जानिए, महाराष्ट्र में भाषा विवाद क्या है ----------------------------------------------------------------- मराठी भाषा विवाद से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... 20 साल बाद ठाकरे परिवार एक साथ: उद्धव बोले- मराठी ने दूरियां खत्म कीं; राज बोले- फडणवीस ने वो किया जो बालासाहेब नहीं कर पाए 5 जुलाई को महाराष्ट्र में हिंदी को लेकर जारी विवाद के बीच उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने 'मराठी एकता' पर रैली की थी। इस मौके पर दोनों की तरफ से आगे साथ मिलकर राजनीति करने के संकेत दिए थे। राज ठाकरे ने कहा था कि मैंने अपने इंटरव्यू में कहा था कि झगड़े से बड़ा महाराष्ट्र है। 20 साल बाद हम एक मंच पर आए हैं आपको दिख रहे हैं। हमारे लिए सिर्फ महाराष्ट्र और मराठी एजेंडा है, कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है। पूरी खबर पढ़ें...

Jul 19, 2025 - 00:33
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राज ठाकरे बोले- भाजपा सांसद को डुबा-डुबाकर मारेंगे:बाहरी ज्यादती करे तो पीटो; निशिकांत दुबे ने MNS चीफ को पीटने की धमकी दी थी
राज ठाकरे बोले- भाजपा सांसद को डुबा-डुबाकर मारेंगे:बाहरी ज्यादती करे तो पीटो; निशिकांत दुबे ने MNS च�

राज ठाकरे बोले- भाजपा सांसद को डुबा-डुबाकर मारेंगे:बाहरी ज्यादती करे तो पीटो; निशिकांत दुबे ने MNS चीफ को पीटने की धमकी दी थी

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भारतीय राजनीति में विभिन्न मुद्दों पर राजनीतिक दलों के बीच टकराव ने एक बार फिर से तूल पकड़ लिया है। हाल ही में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ने भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे को चेतावनी दी है। राज ने कहा कि यदि कोई बाहरी उनकी भाषा या संस्कृति के खिलाफ आता है, तो वे उन्हें 'डुबा-डुबाकर' मारने की धमकी दे रहे हैं। इन विवादास्पद बयानों ने राजनीतिक माहौल को और अधिक गर्म कर दिया है।

भाषा विवाद और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य

राज ठाकरे ने कहा, "मैं यहां भाषा को लेकर कोई विवाद भड़काने नहीं आया हूं, लेकिन सावधान रहो, तुम्हारे साथ कुछ भी हो सकता है। मैं हिंदू हूं, लेकिन मुझ पर हिंदी थोपी नहीं जा सकती।" यह कहना है राज का उस समय, जब महाराष्ट्र में हिंदी और मराठी भाषा के बीच विवाद गहराता जा रहा है। यह मामला तब शुरू हुआ जब भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 8 जुलाई को एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था, "अगर आप अपने घर महाराष्ट्र में बहुत बड़े बॉस हो तो चलो बिहार, चलो यूपी, चलो तमिलनाडु, तुमको पटक-पटक कर मारेंगे।"

राज ठाकरे का प्रतिवाद

राज ठाकरे का बयान सीधे तौर पर दुबे के बयान पर प्रतिक्रिया है। उन्होंने कहा कि "अगर आप किसी को पीटते हैं, तो वीडियो न बनाएं।" यह एक ऐसा मुद्दा है जो आम जनता के बीच सुर्खियों में है। ठाकरे का यह दृष्टिकोण यह दर्शाता है कि वे मराठी संस्कृति और भाषा को बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। इस प्रकार की बयानों ने सामाजिक समरसता को प्रभावित करने की क्षमता रखती है और इसे समाज में अनावश्यक विवादों की ओर ले जा सकती है।

भाजपा सांसद की प्रतिक्रिया

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने इस विवाद में और भी गंभीरता लाते हुए कहा कि "अगर आपमें ज्यादा हिम्मत है, तो आप हिंदी बोलने वालों को पीट कर दिखाइए।" उनका यह बयान तब आया जब राज ठाकरे ने उर्दू बोलने वालों को पीटने का आग्रह किया था। उन्होंने यह भी कहा कि "हम मराठी का सम्मान करते हैं लेकिन अराजकता बर्दाश्त नहीं करेंगे।" इस तरह की प्रतिक्रियाएँ राजनीतिक विमर्श को उलझा देती हैं और समाज में विभाजन का खतरा बढ़ा देती हैं।

राजनीतिक स्थिति का अवलोकन

महाराष्ट्र में भाषा विवाद केवल एक स्थानीय मुद्दा नहीं है; यह व्यापक राजनीतिक दृष्टिकोण और विभिन्न सामाजिक सामंजस्य को प्रभावित कर रहा है। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने हाल ही में 'मराठी विजय रैली' का आयोजन किया, जिसमें उन्होंने हिंदी-मराठी विवाद पर अपनी बात रखी। इस रैली में दोनों नेताओं ने यह सिद्ध करने की भी कोशिश की की वे अपने कूटनीतिक संबंधों को मजबूत कर रहे हैं।

निष्कर्ष

महाराष्ट्र की राजनीति में इस तरह के टकराव से यह स्पष्ट होता है कि भाषा और संस्कृति को लेकर व्याप्त असहमति केवल राजनीतिक बयानबाजियों तक सीमित नहीं है। ऐसा लगता है कि ये विवाद बढ़ते हुए सामाजिक और आर्थिक मुद्दों को फिर से जिंदा कर सकते हैं। राज ठाकरे द्वारा की गई धमकियों और भाजपा सांसद की प्रतिक्रियाओं से यह स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में राजनीति और भी अधिक गर्माई हुई नजर आएगी।

इस पूरे घटनाक्रम के बीच, राजनीति के संदर्भ में हमें अधिक सचेत रहना होगा। यह सुनिश्चित करना कि हमारे राजनीतिक संवाद सकारात्मक दिशा में बढ़ें आवश्यक है।

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