सुप्रीम कोर्ट बोला- नेता को मोटी चमड़ी वाला होना चाहिए:तेलंगाना CM के खिलाफ याचिका खारिज, कहा था- भाजपा 400 सीट जीती तो आरक्षण खत्म होगा

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा- नेताओं को मोटी चमड़ी का होना चाहिए। राजनीतिक लड़ाइयों के लिए सुप्रीम कोर्ट का उपयोग नहीं करना चाहिए। कोर्ट ने ये टिप्पणी भाजपा नेता द्वारा तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्‌डी के खिलाफ लगाई गई याचिका की सुनवाई के दौरान कही। 2024 लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान सीएम रेड्‌डी ने कहा था- अगर बीजेपी 400 सीट जीती तो आरक्षण समाप्त कर देगी। तेलंगाना भाजपा के महासचिव वेंकटेश्वरलू ने दावा किया था कि इससे पार्टी को नुकसान हुआ और उसने रेड्डी के खिलाफ मानहानि की याचिका दायर की गई थी। तेलंगाना हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई बीआर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन, अतुल एस चंदुरकर की पीठ ने भी याचिका खारिज कर दी। रेड्डी ने दी थी ट्रायल कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती हैदराबाद ट्रायल कोर्ट ने पिछले साल अगस्त में कहा था कि रेड्डी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत मानहानि के अपराध और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 125 के तहत केस बनता है। अधिनियम की धारा 125 चुनाव से जुड़े वर्गों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने से संबंधित थी। रेड्डी ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिसमें दावा किया गया कि शिकायत में लगाए गए आरोपों से उनके खिलाफ केस नहीं बनाते। उन्होंने तर्क दिया था कि राजनीतिक भाषणों को मानहानि का विषय नहीं बनाया जा सकता। भाजपा प्रदेश महासचिव ने केस किया था रेवंत रेड्‌डी पर मानहानि का केस तेलंगाना प्रदेश महासचिव वेंकटेश्वरलू ने किया था। वेंकटेश्वरलू ने तेलंगाना की अलैर सीट से विधानसभा चुनाव भाजपा के टिकट पर लड़ चुके हैं। भाजपा ने 2024 लोकसभा चुनाव में दिया था अबकी बार 400 पार का नारा भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अबकी बार 400 पार का नारा दिया था। नतीजों में पार्टी ने कुल 240 सीटें जीतीं। बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी लेकिन पूर्ण बहुमत (272 सीटें) से पीछे रही। नरेंद्र मोदी तीसरी बार गठबंधन की मदद से प्रधानमंत्री बने। रेवंथ रेड्डी पर लग चुका है बिहारियों के अपमान का आरोप भाजपा नेताओं ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी पर बिहारियों के डीएनए को मजदूर बताकर नीचा दिखाने का आरोप लगाया था। इसके बाद उनके बिहार आने का भी विरोध किया था। इसके साथ ही उनसे माफी मांगने की मांग की थी। पढ़ें पूरी खबर... ................. सुप्रीम कोर्ट से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें डॉ. बिंद्रा को फ्रॉड केस में सुप्रीम कोर्ट से क्लीन-चिट:बोले- सच की हमेशा जीत होती है; लोगों को लाखों की कमाई का लालच देने का आरोप था यूट्यूबर, मोटिवेशनल स्पीकर और बिजनेस कोच डॉ. विवेक बिंद्रा को सुप्रीम कोर्ट ने सभी कानूनी मामलों में क्लीन चिट दे दी है। कुछ समय पहले उनके और उनकी कंपनी 'बड़ा बिजनेस प्राइवेट लिमिटेड' के खिलाफ देश में अलग-अलग जगहों पर फ्रॉड से जुड़े मामलों में शिकायत दर्ज की गई थी। विवेक बिंद्रा पर आरोप लगाए गए थे कि उनकी कंपनी लोगों को मनी-मेकिंग चेन जैसे प्रोजेक्ट्स से जोड़कर लाखों की कमाई का लालच देती थी। इसके अलावा उनके '10 डे MBA' जैसे कोर्स पर भी सवाल उठे थे। पढ़ें पूरी खबर...

Sep 8, 2025 - 18:33
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सुप्रीम कोर्ट बोला- नेता को मोटी चमड़ी वाला होना चाहिए:तेलंगाना CM के खिलाफ याचिका खारिज, कहा था- भाजपा 400 सीट जीती तो आरक्षण खत्म होगा
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सुप्रीम कोर्ट बोला- नेता को मोटी चमड़ी वाला होना चाहिए: तेलंगाना CM के खिलाफ याचिका खारिज

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की, जिसमें कहा गया कि नेताओं को मोटी चमड़ी का होना चाहिए। यह बयान तब दिया गया जब कोर्ट ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्‌डी के खिलाफ दायर एक याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट का यह निर्णय सनसनीखेज इसलिए है क्योंकि मुख्यमंत्री ने हाल ही में भाजपा द्वारा 2024 के लोकसभा चुनाव में 400 सीटें जीतने पर आरक्षण समाप्त करने की बात कही थी।

याचिका का विवरण

भाजपा के महासचिव वेंकटेश्वरलू ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री रेड्‌डी की ये टिप्पणियां पार्टी को नुकसान पहुंचा रही हैं, जिसके कारण उन्होंने मानहानि की याचिका दायर की थी। तेलंगाना हाईकोर्ट द्वारा इसे खारिज किए जाने के बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन, अतुल एस चंदुरकर की पीठ ने हाल ही में इस मामले का निपटारा किया।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राजनीतिक लड़ाइयों के लिए सुप्रीम कोर्ट का उपयोग नहीं होना चाहिए और नेताओं को अपने बयानों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि राजनीतिक भाषणों के संदर्भ में मानहानि का मामला नहीं बन सकता।

रेवंत रेड्‌डी का पक्ष

सीएम रेड्‌डी ने याचिका के खिलाफ अपनी दलील में कहा कि राजनैतिक भाषणों को मानहानि की परिभाषा में नहीं लाया जाना चाहिए। उन्होंने याचिका खारिज करने के बाद कहा कि राजनीति में भरपूर सम्मान होना चाहिए और किसी भी प्रकार के वस्तुनिष्ठ हमले से बचना चाहिए।

भाजपा का रुख

भाजपा ने हाल ही में लोकसभा चुनाव के लिए "अबकी बार 400 पार" का नारा दिया था, जिसके अंतर्गत बीजेपी ने 240 सीटें जीतीं। इसके बावजूद, पार्टी पूर्ण बहुमत से दूर रही। अब देखना यह है कि यह मामला किस दिशा में आगे बढ़ता है, खासकर जब नफरत और बायेसमेर जैसे मुद्दों को लेकर देश में राजनीतिक संवाद बढ़ गया है।

निष्कर्ष

सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय एक महत्वपूर्ण संदेश देकर गया है कि राजनीतिक मंच पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित नहीं किया जा सकता। यह मामला आगे चलकर राजनीतिक विमर्श में एक अहम चर्चा का विषय बन सकता है और राजनैतिक दलों के बीच विश्वास की कमी को उजागर करता है।

इस मामले की जड़ें केवल व्यक्तिगत न्याय के साथ नहीं बल्कि राजनीतिक स्थिरता और समाज में सहिष्णुता के लिए महत्वपूर्ण हैं। घटनाक्रमों पर नजर रखनी होगी।

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