पंचायत चुनाव के नतीजे: कांग्रेस का कमबैक, बीजेपी के लिए वेकअप अलार्म, विधायकों के बेटे-पत्नी हार गए चुनाव

रैबार डेस्क: पंचायत चुनावों के नतीजे आ गए हैं। सत्ताधारी भाजपा और विपक्ष कांग्रेस दोनों... The post पंचायत चुनाव के नतीजे: कांग्रेस का कमबैक, बीजेपी के लिए वेकअप अलार्म, विधायकों के बेटे-पत्नी हार गए चुनाव appeared first on Uttarakhand Raibar.

Aug 2, 2025 - 00:33
 165  29.1k
पंचायत चुनाव के नतीजे:  कांग्रेस का कमबैक, बीजेपी के लिए वेकअप अलार्म, विधायकों के बेटे-पत्नी हार गए चुनाव
पंचायत चुनाव के नतीजे: कांग्रेस का कमबैक, बीजेपी के लिए वेकअप अलार्म, विधायकों के बेटे-पत्नी हार ग

पंचायत चुनाव के नतीजे: कांग्रेस का कमबैक, बीजेपी के लिए वेकअप अलार्म, विधायकों के बेटे-पत्नी हार गए चुनाव

Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - avpganga

रैबार डेस्क: पंचायत चुनावों के नतीजे आ गए हैं। सत्ताधारी भाजपा और विपक्ष कांग्रेस दोनों ही अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। चुनावी नतीजों में भाजपा के कई पूर्व ब्लॉक प्रमुखों, जिलाध्यक्षों और विधायकों के पत्नियों एवं बेटों को हार का सामना करना पड़ा है। हालांकि, भाजपा दाव कर रही है कि पंचायत चुनाव में भी पार्टी ने बड़ी बढ़त बनाई है। वहीं कांग्रेस के लिए पंचायत चुनाव एक संजीवनी के समान हैं, क्योंकि कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों ने कई अहम सीटों पर जीत हासिल की है।

चुनावी नतीजों की समीक्षा

इन चुनावों में जनता ने कुछ ऐसे ट्रेंड दिखाए कि कई बड़े दिग्गजों के उम्मीदवार चारों खाने चित हो गए। बीजेपी भले ही जीत के दावे कर रही हो, लेकिन सच्चाई यह है कि जिला पंचायत की 358 सीटों में से भाजपा समर्थित प्रत्याशी केवल 114 पर ही जीत दर्ज कर सके। नतीजों में पार्टी के कई दिग्गजों की साख को बड़ा झटका लगा है।

विधायकों के परिवार से हार का सामना

लैंसडौन से विधायक दलीप रावत की पत्नी, नीतू देवी जिला पंचायत का चुनाव लड़ रही थीं। लेकिन वोटरों ने उनके सपने चकनाचूर कर दिए और वह 411 वोट से हार गईं। इसी तरह कुमाऊं में नैनीताल विधायक सरिता आर्य के बेटे ने भी चुनाव में कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी यशपाल से 1200 वोट से हार का सामना किया।

कांग्रेस का पुनर्निर्माण

विधानसभा और लोकसभा चुनावों में करारी शिकस्त झेल चुकी कांग्रेस के लिए पंचायत चुनाव नया संजीवनी लेकर आए हैं। कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों ने अधिकतर जगहों पर सफलता पाई है। उदाहरण के लिए, देहरादून में जिला पंचायत चुनाव में कांग्रेस समर्थित 12 प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। इसके विपरीत, भाजपा समर्थित प्रत्याशी केवल 7 सीटों पर ही जीत प्राप्त कर सके।

बीजेपी की चुनौतियाँ

यह चुनाव भाजपा के लिए अलार्म की तरह हैं। पार्टी के दिग्गजों की हार ने उनके भविष्य पर सवाल खड़ा कर दिया है। इससे पहले की हारें पार्टी को सोचने पर मजबूर कर गई हैं कि क्या उन्हें अपने रणनीतियों में बदलाव करने की आवश्यकता है या नहीं।

निष्कर्ष

कुल मिलाकर, पंचायती चुनावों के नतीजे भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो रहे हैं। जहां कांग्रेस ने अपनी ताकत को फिर से स्थापित किया है, वहीं बीजेपी को अब अपने विधायकों के परिवार के सदस्यों की हार ने यह संकेत दिया है कि उन्हें नए सिरे से विचार करने की आवश्यकता है। इन नतीजों से यह स्पष्ट है कि राजनीतिक परिदृश्य तेजी से बदल रहा है और पार्टियाँ इस बदलाव को अपने तरीके से भुनाने की कोशिश करेंगी।

इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए, यहां क्लिक करें: https://avpganga.com

Keywords:

panchayat elections, congress comeback, bjp wake-up call, election results, political analysis, rural elections, voter trends, local governance, municipal elections

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow