भूस्खलन से गंगोत्री हाईवे का भटवाडी में करीब 10 मीटर हिस्सा धंसा, फंसे यात्रियों को निकाला गया
उत्तरकाशी : भूस्खलन से गंगोत्री हाईवे का भटवाडी में करीब 10 मीटर हिस्सा धंस गया। हाईवे बार-बार बाधित हो रहा है। बीआरओ द्वारा मार्ग को सुचारु करने का कार्य जारी है। पुलिस फोर्स मौके पर है। हाईवे खुलते ही फंसे यात्रियों को निकाला जा रहा है। सड़क धंसने के कारण कभी भी वह नदी में […] The post भूस्खलन से गंगोत्री हाईवे का भटवाडी में करीब 10 मीटर हिस्सा धंसा, फंसे यात्रियों को निकाला गया appeared first on Dainik Uttarakhand.

भूस्खलन से गंगोत्री हाईवे का भटवाडी में करीब 10 मीटर हिस्सा धंसा, फंसे यात्रियों को निकाला गया
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उत्तरकाशी: हाल ही में गंगोत्री हाईवे पर भटवाडी में एक गंभीर भूस्खलन हुआ, जिसके कारण लगभग 10 मीटर हिस्सा धंस गया। यह हाईवे बार-बार बाधित होता रहा है, जिससे यात्रियों में काफी डर का माहौल उत्पन्न हो गया। बीआरओ (BRO) द्वारा मार्ग को पुनः सुचारू करने का कार्य तेजी से जारी है। पुलिस फोर्स भी मौके पर मौजूद है, ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। जैसे ही हाईवे खोलने का कार्य समाप्त होता है, फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकाला जा रहा है।
भूस्खलन का कारण और मौसम की स्थिति
इस भूस्खलन के पीछे मुख्य कारण बारिश की बूँदाबादी है। बारिश से प्रभावित सुप्रसिद्ध उत्तराखंड क्षेत्र में मौसम विज्ञान विभाग द्वारा यलो अलर्ट जारी किया गया है। विशेषकर दून, टिहरी, नैनीताल, और चंपावत जिलों में, तेज बारिश और हवा की संभावना जताई गई है। मौसम विज्ञानी रोहित थपलियाल ने बताया कि अगले पांच दिनों तक लगातार बारिश के दौर देखने को मिल सकते हैं। इन स्थितियों में, सड़कों के धंसने का खतरा हमेशा बढ़ता है, जिस वजह से यह हाईवे भी अब खतरे में पड़ा है।
प्रशासन की तैयारी और बचाव कार्य
प्रशासन द्वारा फंसे यात्रियों के लिए बचाव कार्य में तेजी लाई जा रही है। भूस्खलन वाली जगह पर पुलिस बल और स्थानीय प्रशासन के कर्मचारी मुस्तैद हैं। यात्रियों को सुरक्षित स्थान तक पहुँचाने के लिए हेलीकॉप्टर भी साधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इस दिशा में सभी उपाय किए जा रहे हैं ताकि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति का सामना किया जा सके।
भविष्य के लिए सुझाव और सुरक्षा उपाय
हालाँकि मौसम विभाग द्वारा बुरे प्रकृति के संकेत मिलने की आशंका है, फिर भी यात्रियों को सजग रहना चाहिए। सड़क पर यात्रा करने से पहले मौसम की स्थिति की जांच करना हमेशा एक बेहतर उपाय होता है। भविष्य में भूस्खलन जैसी घटनाओं से निपटने के लिए स्थायी ढंग से सड़कों को मजबूती प्रदान करने की जरूरत है। इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन को अधिकतम सजगता के साथ घटनाओं को ट्रैक करना और जरूरत के अनुसार बचाव कार्य करना चाहिए।
निष्कर्ष
गंगोत्री हाईवे पर भटवाडी में हुई यह भूस्खलन की घटना उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति और मौसम के प्रति संवेदनशीलता को सिद्ध करती है। जहां एक ओर प्रशासन सजगता से बचाव कार्यों में जुटा है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों और यात्रियों को सुरक्षा उपायों के लिए सतर्क रहना आवश्यक है। ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए आगे की संभावनाओं पर विचार विमर्श होना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति न बने।
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