प्रदेश के सभी स्कूल भवनों का होगा सुरक्षा ऑडिट, बच्चों की सुरक्षा में लापरवाही बर्दाश्त नहीं- मुख्यमंत्री
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प्रदेश के सभी स्कूल भवनों का होगा सुरक्षा ऑडिट, बच्चों की सुरक्षा में लापरवाही बर्दाश्त नहीं- मुख्यमंत्री
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रैबार डेस्क: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के सभी स्कूल भवनों का सुरक्षा ऑडिट किया जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि किसी भी असुरक्षित या जर्जर स्कूल भवन में बच्चों को नहीं बैठाया जाएगा। उनकी सुरक्षा से जुड़ी किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सुरक्षा ऑडिट का उद्देश्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि सभी छात्रों की सुरक्षा उनके अध्ययन के स्थान पर सबसे प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जहां भी स्कूल भवन मरम्मत योग्य हैं, उन्हें शीघ्र मरम्मत की प्रक्रिया में लाया जाए। यदि किसी स्कूल भवन का पुनर्निर्माण आवश्यक है, तो उसके लिए कार्य योजना तैयारकर तुरंत उसकी क्रियान्वयन में जुट जाने की आवश्यकता है।
पुलों का भी होगा सुरक्षा ऑडिट
मुख्यमंत्री ने मात्र स्कूल भवनों तक सीमित न रहकर प्रदेश के सभी पुलों का भी सुरक्षा ऑडिट करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे पुलों की स्थिति का विशेष ध्यान रखा जाए, जिनकी स्थिति खराब हो रही है। आवश्यकतानुसार उन पुलों की मरम्मत और पुनर्निर्माण का कार्य प्राथमिकता पर किया जाएगा।
वेडिंग डेस्टिनेशंस का विकास
मुख्यमंत्री ने त्रियुगीनारायण और राज्य के अन्य स्थलों को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के लिए तेजी लाने की बात कही। यह पहल राज्य के पर्यटन और स्थानीय रोजगार को सशक्त बनाने में मदद करेगी। उन्होंने अन्य राज्यों की वेडिंग पॉलिसी का भी अध्ययन करने को कहा, ताकि उत्तराखंड में एक प्रभावी वेडिंग डेस्टिनेशन नीति विकसित की जा सके।
स्पिरिचुअल इकोनॉमिक जोन का विकास
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि राज्य में दो स्पिरिचुअल इकोनॉमिक जोन विकसित होंगे। यह पहल धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही आर्थिक गतिविधियों को भी सशक्त बनाएगी। संबंधित विभागों को इस दिशा में ठोस कार्य योजना बनाने के लिए निर्देशित किया गया है।
निष्कर्ष
उक्त सुरक्षा ऑडिट के माध्यम से प्रदेश सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है। शिक्षा का वातावरण सुरक्षित और सशक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री की यह पहल न केवल आवश्यक है बल्कि समय की मांग भी है। आगे बढ़ते हुए, यह देखना होगा कि अधिकारी इस दिशा में कितनी तत्परता से कार्य करते हैं।
कुल मिलाकर, यह कदम निश्चित रूप से उत्तराखंड में शिक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में एक अनुकूल परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण साबित होगा। अधिक जानकारी के लिए, कृपया हमारी वेबसाइट पर जाएं: avpganga.com.
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