₹1500 के लिए भैया बने लाडकी बहन:ऑडिट में खुलासा- 14,298 पुरुषों ने खुद को महिला बताकर महाराष्ट्र सरकार से ₹21.44 करोड़ ठगे

महाराष्ट्र में आर्थिक रूप से वंचित महिलाओं के लिए बनाई गई लाडकी बहन योजना के तहत 14,000 से ज्यादा पुरुषों ने धोखाधड़ी से पैसे लिए। महिला एवं बाल विकास विभाग के एक ऑडिट में यह खुलासा हुआ है। 14,298 पुरुषों को 21.44 करोड़ रुपए दिए गए, जिन्होंने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में हेराफेरी की और खुद को महिला बताकर रजिस्टर करा लिया। यह खुलासा योजना शुरू होने के लगभग 10 महीने बाद हुआ। 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले शुरू की गई यह योजना, भाजपा के नेतृत्व वाले और शिवसेना व राकांपा के महायुति गठबंधन के लिए वोटर्स को लुभाने का जरिया थी। इस योजना के तहत 21 से 65 साल की उम्र की उन महिलाओं को 1500 रुपए हर महीने दिए जाते हैं, जिनके परिवारों की सालाना कमाई 2.5 लाख रुपए से कम है। स्कैम के खुलासे के बाद डिप्टी CM अजित पवार ने कहा, "लाडकी बहन योजना गरीब महिलाओं की मदद के लिए शुरू की गई थी। हम उन्हें दिया पैसा वसूल करेंगे। अगर वे सहयोग नहीं करते हैं, तो आगे कार्रवाई होगी।" महिला बाल विकास के ऑडिट की बड़ी बातें... महिला बाल विकास मंत्री बोलीं- जून 2025 से 26.34 लाख अपात्र निलंबित महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने कहा, "महिला एवं बाल विकास विभाग ने सभी आवेदनों की पात्रता की पुष्टि के लिए सभी विभागों से जानकारी मांगी थी। उसके मुताबिक लगभग 26.34 लाख लाभार्थी अपात्र होने के बावजूद योजना का लाभ उठा रहे हैं। इस जानकारी के आधार पर जून 2025 से इन 26.34 लाख आवेदकों के लिए लाभ अस्थायी रूप से निलंबित कर दिए गए हैं। योजना के लगभग 2.25 करोड़ पात्र लाभार्थियों को जून 2025 के महीने का पैसा भेजा गया है।"

Jul 27, 2025 - 18:33
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₹1500 के लिए भैया बने लाडकी बहन:ऑडिट में खुलासा- 14,298 पुरुषों ने खुद को महिला बताकर महाराष्ट्र सरकार से ₹21.44 करोड़ ठगे
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₹1500 के लिए भैया बने लाडकी बहन: ऑडिट में खुलासा- 14,298 पुरुषों ने खुद को महिला बताकर महाराष्ट्र सरकार से ₹21.44 करोड़ ठगे

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महाराष्ट्र की लाडकी बहन योजना पर एक बड़ा संकट छा गया है, जिसने प्रशासन की नींद उड़ा दी है। एक हालिया ऑडिट में यह खुलासा हुआ है कि 14,298 पुरुषों ने इस योजना का गलत तरीके से लाभ उठाते हुए खुद को महिला बताकर ₹21.44 करोड़ की राशि ठग ली। यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं के लिए शुरू की गई थी, जिसके तहत उन्हें प्रति माह ₹1500 दिए जाने का प्रावधान था। इस घटना ने न केवल सरकारी नीतियों की प्रभावशीलता पर सवाल उठाया है, बल्कि संभावित वोट बैंक को भी प्रभावित किया है।

लाडकी बहन योजना का उद्देश्य

लाडकी बहन योजना भारत सरकार द्वारा स्थापित एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य 21 से 65 साल की उम्र की महिलाओं की वित्तीय सहायता करना है। इस योजना के तहत उन महिलाओं को सहायता प्रदान की जाती है, जिनके परिवार की वार्षिक आय ₹2.5 लाख से कम है। योजना की शुरुआत के समय इसे लोकतंत्र में एक सकारात्मक कदम माना गया था, लेकिन अब इसके दुरुपयोग ने इसे विवादों में डाल दिया है।

ऑडिट से सामने आईं विसंगतियाँ

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा की गई एक गहन ऑडिट ने यह साबित कर दिया कि 14,298 पुरुषों ने धोखाधड़ी से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करते हुए खुद को महिला के रूप में प्रस्तुत किया। यह नया मामला ऐसे समय में सामने आया है जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के निकट हैं, और इसे राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा है कि वह इन पैसों की वसूली करेंगे और यदि ठगी में शामिल लोग सहयोग नहीं करते हैं, तो उन्हें कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

उपाय और भविष्य की योजना

महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने बताया कि विभाग ने सभी आवेदनों की पात्रता की पुष्टि करने के लिए अन्य विभागों से जानकारी मांगी थी। इससे पता चला कि लगभग 26.34 लाख लाभार्थी अपात्र हैं, लेकिन उन्होंने फिर भी योजना का लाभ उठाया। इस जानकारी के आधार पर, सरकार ने जून 2025 से इन लाभार्थियों के लिए लाभ को अस्थायी रूप से निलंबित करने का निर्णय लिया है।

समाज पर प्रभाव और प्रतिक्रिया

इस धोखाधड़ी के मामले ने न केवल महिलाओं के अधिकारों के प्रति समाज की मानसिकता पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे सुविधाओं का दुरुपयोग किया जा सकता है। कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसे चिंता का विषय बताया है और सरकार से आग्रह किया है कि वे घोटाले में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।

अंत में, लाडकी बहन योजना में यह धोखाधड़ी एक महत्वपूर्ण सबक है कि नीति निर्माण में पारदर्शिता और सुरक्षा के उपायों की आवश्यकता है। इस भ्रष्टाचार को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए, ताकि लाभार्थी वर्ग वित्तीय सहायता प्राप्त कर सके।

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