232 करोड़ के गबन में एयरपोर्ट अधिकारी गिरफ्तार, जयपुर से बरामद हुए महंगे प्लॉट के दस्तावेज

सीबीआई ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) से प्राप्त एक शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। आरोप है कि आरोपी भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, देहरादून एयरपोर्ट पर तैनात रहते हुए आधिकारिक और इलेक्ट्रॉनिक अभिलेखों में हेराफेरी करके एएआई के साथ धोखाधड़ी और गबन की एक व्यवस्थित योजना में शामिल था। उसने लगभग 232 करोड़ रुपए की सार्वजनिक धनराशि को अपने निजी खातों में जमा कर लिया।

Aug 31, 2025 - 09:33
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232 करोड़ के गबन में एयरपोर्ट अधिकारी गिरफ्तार, जयपुर से बरामद हुए महंगे प्लॉट के दस्तावेज
232 करोड़ के गबन में एयरपोर्ट अधिकारी गिरफ्तार, जयपुर से बरामद हुए महंगे प्लॉट के दस्तावेज

232 करोड़ के गबन में एयरपोर्ट अधिकारी गिरफ्तार, जयपुर से बरामद हुए महंगे प्लॉट के दस्तावेज

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सीबीआई ने एक बड़ा खुलासा किया है जिसमें भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी को गिरफ्तार किया गया है। इस अधिकारी पर आरोप है कि उसने लगभग 232 करोड़ रुपये की हेराफेरी की और सार्वजनिक धनराशि को अपने व्यक्तिगत खातों में भरे। यह पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम है और इसकी जांच अभी भी जारी है।

आरोपों का विवरण

सीबीआई ने विमानपत्तन प्राधिकरण से प्राप्त एक शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। बयान में कहा गया है कि आरोपी ने देहरादून एयरपोर्ट पर तैनात रहते हुए आधिकारिक और इलेक्ट्रॉनिक अभिलेखों में हेराफेरी की। उसकी नजरें सरकारी धनराशि पर थीं, जिसे उसने एक व्यवस्थित तरीके से अपने फायदे के लिए उपयोग किया।

महंगे प्लॉट के दस्तावेज बरामद

गिरफ्तारी के दौरान, सीबीआई ने जयपुर में कुछ महंगे प्लॉट के दस्तावेज भी बरामद किए हैं। ये प्लॉट उन संपत्तियों में शामिल हैं, जिनका उपयोग आरोपी ने कथित तौर पर गबन की राशि को ठिकाने लगाने के लिए किया था। यह खुलासा दिखाता है कि आरोपी का नेटवर्क कितना बड़ा और जटिल था।

सीबीआई की कार्रवाई

सीबीआई की कार्रवाई इस मामले की गहराई को दर्शाती है। अधिकारियों ने कहा है कि वे पूरी कोशिश करेंगे कि आरोपी को कड़ी सजा मिले। सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा, "हमारे द्वारा की गई जांच से यह स्पष्ट होता है कि यह कोई अकेला मामला नहीं है।" इससे पहले भी एएआई में ऐसे मामलों में कई छापे मारे गए हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि इस विभाग में सांठगांठ की समस्या गहरी है।

समाज और सरकारी पहलों पर असर

इस तरह के घोटाले केवल सरकारी तंत्र की विश्वसनीयता को ही नहीं, बल्कि आम जनता के विश्वास को भी चोट पहुंचाते हैं। सरकारी धन का दुरुपयोग होने से विकास कार्यों पर भी असर पड़ता है। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई न केवल गबन करने वालों को रोकने में मदद करेगी, बल्कि अन्य सरकारी अधिकारियों को भी रुखसत करने की आवश्यकता का संकेत देती है।

निष्कर्ष

232 करोड़ रुपये के इस गबन का मामला एक बड़ी चिंता का विषय है, जिसके पीछे एक बड़ी षड्यंत्र की परतें हो सकती हैं। सीबीआई की ताजातरीन कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि सरकारी तंत्र में पारदर्शिता की आवश्यकता है। सभी को आशा है कि तेजी से न्याय मिले और इस तरह के मामलों में सुधार हो सके। इस घोटाले के पूरे परिप्रेक्ष्य में, हमें यह भी याद रखना चाहिए कि जब तक प्रभावी तरीके से कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक सरकारी तंत्र पर भरोसा बना रहना कठिन होगा।

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