Jyoti Suicide Case: बीडीएस छात्रा के साथ यूनिवर्सिटी में क्या-क्या हुआ? क्लासमेट ने बताई सच्चाई

Jyoti Suicide Case: ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा यूनिवर्सिटी की बीडीएस की छात्रा ज्योति शर्मा की मौत ने पूरे शिक्षा जगत को झकझोर दिया है। 18 जुलाई को हॉस्टल के कमरे में मृत पाई गई 21 साल की छात्रा ज्योति शर्मा की आत्महत्या के पीछे की वजह जानने के लिए जांच जारी है। इस दौरान पुलिस जांच के केंद्र में एक प्रोजेक्ट फाइल आ गई है। जिसे लेकर कथित तौर पर उसे अपमानित किया गया और मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा।

Jul 21, 2025 - 18:33
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Jyoti Suicide Case: बीडीएस छात्रा के साथ यूनिवर्सिटी में क्या-क्या हुआ? क्लासमेट ने बताई सच्चाई
Jyoti Suicide Case: बीडीएस छात्रा के साथ यूनिवर्सिटी में क्या-क्या हुआ? क्लासमेट ने बताई सच्चाई

Jyoti Suicide Case: बीडीएस छात्रा के साथ यूनिवर्सिटी में क्या-क्या हुआ? क्लासमेट ने बताई सच्चाई

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दार्शनिकता और मानसिक स्वास्थ्य के मामलों पर चर्चा, जैसे ही बीडीएस छात्रा ज्योति शर्मा के आत्महत्या मामले ने पूरे देश को हिला दिया। ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी की इस 21 वर्षीय छात्रा की मौत के कारणों की जांच शुरू हो गई है। 18 जुलाई को अपने हॉस्टल के कमरे में मृत पाई गई ज्योति की आत्महत्या के पीछे कुछ गंभीर कारण दिखाई दे रहे हैं, जिसमें मानसिक प्रताड़ना और एक प्रोजेक्ट फाइल के कारण अपमानित होना शामिल है।

छात्रा के अंतिम समय में क्या हुआ?

ज्योति शर्मा के क्लासमेट्स ने बताया है कि उन्हें प्रोजेक्ट से संबंधित काम में बहुत दबाव का सामना करना पड़ा। एक सहपाठी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "ज्योति हमेशा से ही बहुत मेहनती और सकारात्मक लड़की थी। हालांकि, इस बार परियोजना के लिए उसे आवश्यक समर्थन नहीं मिला और इसे लेकर साथी छात्रों ने उसे काफी तंग किया।"

रिपोर्ट्स के अनुसार, छात्रा ने अपने जीवन के अंतिम दिनों में मानसिक तनाव और अकेलापन महसूस किया। उसकी माँ के बयान के अनुसार, ज्योति ने कई बार अपनी चिंताओं के बारे में परिवार को बताया था, लेकिन उसे लगता था कि समझने वाला कोई नहीं। यह स्थिति छात्राओं में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को उजागर करती है, जो अक्सर अनदेखे रह जाते हैं।

पुलिस जांच: नया मोड़

पुलिस ने जांच में एक प्रोजेक्ट फाइल को केंद्रीय मुद्दा माना है, जिसमें ज्योति के काम की गुणवत्ता को लेकर टिप्पणियां थीं। यह फाइल संदर्भ में उसकी मानसिक स्थिति को स्पष्ट करता है। पुलिस का कहना है कि वे इस मामले में साथी छात्रों से भी पूछताछ करेंगे, ताकि यह समझा जा सके कि ज्योति को किस प्रकार की प्रताड़ना का सामना करना पड़ा।

समाज का दृष्टिकोण

ज्योति की आत्महत्या के मामले ने न केवल शिक्षा जगत, बल्कि समाज को भी झकझोर दिया है। मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या के मामलों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। कई लोगों ने इस मामले पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा है कि शिक्षा के दबाव और सामाजिक अपेक्षाओं के बीच संतुलन बहुत महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष: आत्महत्या नहीं, संवाद की आवश्यकता है

ज्योति का मामला हमें यह सिखाता है कि हमें मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर खुलकर बात करनी चाहिए। व्यस्त जीवन और शिक्षा के दबाव को संभालने में युवा पीढ़ी को मदद की आवश्यकता है। यह जरूरी है कि हम एक ऐसे वातावरण का निर्माण करें, जहाँ युवा बिना डर के अपनी समस्याओं को साझा कर सकें। हमें जागरूकता फैलाने की जरूरत है ताकि ऐसे बेहद दुखद मामलों को रोका जा सके।

इसके अलावा, इस मामले पर आगे की जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहें। अधिक अपडेट्स के लिए, कृपया [https://avpganga.com](https://avpganga.com) पर जाएं।

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