उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दिया:स्वास्थ्य को वजह बताया; संसद सत्र के बीच इस्तीफा देने वाले पहले उपराष्ट्रपति

जगदीप धनखड़ ने उप राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों को इस्तीफे की वजह बताया है। वे 74 साल के हैं। धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था। राष्ट्रपति को पत्र में उन्होंने लिखा- स्वास्थ्य की प्राथमिकता और डॉक्टरी सलाह का पालन करते हुए मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से त्यागपत्र दे रहा हूं। पत्र में उन्होंने राष्ट्रपति को उनके सहयोग और सौहार्दपूर्ण संबंधों के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल को भी सहयोग के लिए आभार जताया। 2022 में जगदीप धनखड़ ने 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। 6 अगस्त 2022 को हुए उप राष्ट्रपति के चुनाव में धनखड़ ने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराया था। धनखड़ को कुल 725 में से 528 वोट मिले थे, जबकि अल्वा को 182 वोट मिले थे। इस समय संसद का मानसून सत्र चल रहा है। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं। सत्र के बीच में पद से इस्तीफा देने वाले धनखड़ पहले उपराष्ट्रपति हैं। पढ़िए त्याग पत्र में धनखड़ ने क्या लिखा माननीय राष्ट्रपति जी .. सेहत को प्राथमिकता देने और डॉक्टर की सलाह को मानने के लिए मैं संविधान के अनुच्छेद 67(a) के अनुसार अपने पद से इस्तीफा देता हूं। मैं भारत के राष्ट्रपति में गहरी कृतज्ञता प्रकट करता हूं। आपका समर्थन अडिग रहा, जिनके साथ मेरा कार्यकाल शांतिपूर्ण और बेहतरीन रहा। मैं माननीय प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के प्रति भी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। प्रधानमंत्री का सहयोग और समर्थन अमूल्य रहा है और मैंने अपने कार्यकाल के दौरान उनसे बहुत कुछ सीखा है। माननीय सांसदों से मुझे जो स्नेह, विश्वास और अपनापन मिला है, वह मेरी स्मृति में हमेशा रहेगा। मैं इस बात के लिए आभारी हूं कि मुझे इस महान लोकतंत्र में उपराष्ट्रपति के रूप में जो अनुभव और ज्ञान मिला, वह अत्यंत मूल्यवान रहा। यह मेरे लिए सौभाग्य और संतोष की बात रही है कि मैंने भारत की अभूतपूर्व आर्थिक प्रगति और इस परिवर्तनकारी युग में उसके तेज विकास को देखा और उसमें भागीदारी की। हमारे राष्ट्र के इतिहास के इस महत्वपूर्ण दौर में सेवा करना मेरे लिए सच्चे सम्मान की बात रही। आज जब मैं इस सम्माननीय पद को छोड़ रहा हूं, मेरे दिल में भारत की उपलब्धियों और शानदार भविष्य के लिए गर्व और अटूट विश्वास है। गहरी श्रद्धा और आभार के साथ, जगदीप धनखड़ धनखड़ के इस्तीफे पर किसने क्या कहा... पिछले महीने कार्यक्रम के बाद धनखड़ के सीने में दर्द उठा था 25 जून को उत्तराखंड में एक कार्यक्रम के बाद जगदीप धनखड़ की अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। उन्हें तुरंत नैनीताल राजभवन ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उनका चेकअप किया। धनखड़ नैनीताल में कुमाऊं यूनिवर्सिटी के गोल्डन जुबली समारोह में बतौर चीफ गेस्ट पहुंचे थे। कार्यक्रम खत्म होने के बाद धनखड़ पूर्व सांसद महेंद्र सिंह पाल के कंधे पर हाथ रखकर बाहर निकले। फिर महेंद्र पाल से गले लगकर रोने लगे। करीब 10 कदम चलने पर धनखड़ के सीने में अचानक दर्द उठा। पूर्व सांसद महेंद्र पाल और सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें संभाला था। इससे पहले जगदीप धनखड़ को 9 मार्च 2025 को अचानक सीने में दर्द की शिकायत पर AIIMS दिल्ली में भर्ती कराया गया था। 12 मार्च 2025 को उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया था। राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं उपराष्ट्रपति भारत के उपराष्ट्रपति संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं। राज्यसभा की कार्यवाही चलाने का जिम्मा भी उन्हीं पर होती है। धनखड़ के इस्तीफे के बाद जब तक नए उपराष्ट्रपति की नियुक्ति नहीं हो जाती, राज्यसभा के सभापति का काम उपसभापति संभालेंगे। अनुच्छेद 91 के तहत, जब तक उपराष्ट्रपति का पद खाली रहेगा, तब तक राज्यसभा के उपसभापति एक्टिंग चेयरमैन रहेंगे। अभी राज्यसभा में उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह हैं, हालांकि इनका कार्यकाल भी इसी महीने खत्म होने वाला है। जब TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने धनखड़ की मिमिक्री की थी 19 दिसंबर 2023 को संसद से सांसदों को निलंबन को लेकर विपक्षी दल मकर द्वार पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान श्रीरामपुर से TMC सांसद कल्याण बनर्जी राज्यसभा के सभापति धनखड़ की मिमिक्री कर रहे थे। उन्होंने करीब 5 मिनट मजाक उड़ाया। उनकी मिमिक्री पर वहां मौजूद सांसद ठहाके लगा रहे थे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस घटना का वीडियो बना रहे थे। पूरी खबर यहां पढ़ें... ...................... संसद का मानसून सत्र पहला दिन... संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए सरकार तैयार: लोकसभा में 16, राज्यसभा में 9 घंटे बहस होगी; खड़गे बोले-पहलगाम आतंकी नहीं पकड़े गए, जवाब दें संसद के मानसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए सरकार तैयार हो गई है। अगले हफ्ते इस मुद्दे पर लोकसभा में 16 और राज्यसभा में 9 घंटे बहस होगी। हालांकि विपक्ष का कहना है कि चर्चा सत्र के शुरुआत में होनी चाहिए और PM मोदी जवाब दें। पूरी खबर पढ़ें...

Jul 22, 2025 - 00:33
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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दिया:स्वास्थ्य को वजह बताया; संसद सत्र के बीच इस्तीफा देने वाले पहले उपराष्ट्रपति
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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दिया: स्वास्थ्य को वजह बताया; संसद सत्र के बीच इस्तीफा देने वाले पहले उपराष्ट्रपति

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रायपुर: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अब अपनी सेहत को प्राथमिकता देते हुए उप राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा हालांकि भारतीय राजनीति के लिए एक अप्रत्याशित मोड़ है, क्योंकि वह संसद के मानसून सत्र के दौरान ऐसा करने वाले पहले उपराष्ट्रपति बने हैं। 74 वर्षीय जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रपति को भेजे पत्र में स्वास्थ्य कारणों का उल्लेख किया है, जिसमें उन्होंने अपनी सेहत को अनिवार्य बताया है।

इस्तीफे की घोषणा

धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक जारी रहने वाला था, लेकिन उनका इस्तीफा उनकी स्वास्थ्य स्थितियों को लेकर चिंता के बीच सामने आया। पत्र में उन्होंने लिखा, “स्वास्थ्य की प्राथमिकता और डॉक्टरी सलाह का पालन करते हुए मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से त्यागपत्र दे रहा हूं। मैं भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, और विभिन्न मंत्रियों का धन्यवाद करती हूं।”

धनखड़ ने 14 अगस्त 2022 को उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी, जहाँ उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराकर यह पद प्राप्त किया था। चुनाव में उन्हें 528 वोट मिले थे जबकि अल्वा को केवल 182 वोट मिले थे।

स्वास्थ्य कारणों का महत्व

जैसा कि धनखड़ के इस्तीफे से साफ है, तबीयत में गिरावट उनके लिए चिंता का विषय बनी हुई थी। पिछली बार जब उनकी तबियत बिगड़ी, वह नैनीताल में एक कार्यक्रम के दौरान सीने में दर्द की शिकायत के साथ अचानक अस्वस्थ हो गए थे। इससे पहले वह 9 मार्च 2025 को भी दिल के दर्द के कारण AIIMS दिल्ली में भर्ती हुए थे।

राज्यसभा की स्थिति

उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह इस समय को कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने के लिए तैयार हैं। नई नियुक्ति होने तक, उपसभापति को ही यह जिम्मेदारी निभानी होगी। इस मुद्दे पर सांसदों का ध्यान है, खासकर जब विभिन्न विपक्षी दल संसद में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं।

जनता की प्रतिक्रिया

धनखड़ के इस्तीफे पर विभिन्न राजनीतिक हलकों से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। लोग उनकी सेहत को प्राथमिकता देने के फैसले की सराहना कर रहे हैं। इस संदर्भ में, राज्यसभा के कई सांसदों ने उन्हें उनके कार्यकाल के लिए धन्यवाद दिया और सरलता के साथ उनका समर्थन किया।

निष्कर्ष

इस इस्तीफे ने भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में हलचल मचा दी है। यह देखने योग्य होगा कि उनकी जगह कौन नए उपराष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालेगा। उनके योगदान और अनुभव का महत्व भारतीय राजनीति में हमेशा याद किया जाएगा।
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