कल से शुरू होगा संसद का मानसून सत्र, विपक्ष कसी कमर, इन मुद्दों पर है घेरने की तैयारी
संसद का मानसून सत्र (Monsoon session) कल यानी 21 जुलाई से शुरू हो रहा है। सत्र 21 अगस्त तक चलेगा। बजट सत्र और मानसून सत्र के बीच में 108 दिन का अंतराल है। इस दौरान बिहार वोटर लिस्ट विशेष गहन पुनरीक्षण (Bihar voter list special intensive revision), पहलगाम आतंकी हमला (Pahalgam terror attack), ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) और अहमदाबाद विमान हादसा (Ahmedabad plane crash) जैसे अहम मामले सामने आए। मानसून सत्र के दौरान विपक्ष नेता (opposition leader) मोदी सरकार (Modi Government) को इन्हीं मुद्दों पर घेरने की कोशिश करेंगे।

कल से शुरू होगा संसद का मानसून सत्र, विपक्ष कसी कमर, इन मुद्दों पर है घेरने की तैयारी
संसद का मानसून सत्र (Monsoon session) कल यानी 21 जुलाई से शुरू हो रहा है। सत्र 21 अगस्त तक चलेगा। बजट सत्र और मानसून सत्र के बीच में 108 दिन का अंतराल है। इस दौरान बिहार वोटर लिस्ट विशेष गहन पुनरीक्षण (Bihar voter list special intensive revision), पहलगाम आतंकी हमला (Pahalgam terror attack), ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) और अहमदाबाद विमान हादसा (Ahmedabad plane crash) जैसे अहम मामले सामने आए। मानसून सत्र के दौरान विपक्ष नेता (opposition leader) मोदी सरकार (Modi Government) को इन्हीं मुद्दों पर घेरने की कोशिश करेंगे।
संसद का मानसून सत्र: एक महत्वपूर्ण समय
बारिश के मौसम में आयोजित होने वाला यह सत्र हमेशा से ही राजनीतिक गतिविधियों का केन्द्र बनता है। यह सत्र न केवल कानून बनाने के लिए होता है, बल्कि यह विपक्ष और सत्ताधारी पार्टी के बीच बहस और चर्चा का भी एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस बार विपक्ष ने कई प्रमुख मुद्दों का चयन किया है, जिन पर वे सरकार को कठघरे में खड़ा करने की योजना बना रहे हैं।
विपक्ष के लिए महत्वपूर्ण मुद्दे
इस मानसून सत्र के दौरान, विपक्ष की नजर चार मुख्य मुद्दों पर रहने की उम्मीद है।
- बिहार वोटर लिस्ट पुनरीक्षण: आगामी चुनावों का ध्यान रखते हुए, यह मुद्दा खासतौर पर महत्वपूर्ण है। विपक्ष ने इसे चुनावी लोकतंत्र का एक अहम हिस्सा माना है और इस पर सरकार को जवाबदेह ठहराने की कोशिश करेगा।
- पहलगाम आतंकी हमला: जम्मू-कश्मीर में हुए इस हमले ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। विपक्ष इसे एक बड़ा मुद्दा मानता है और सरकार की नाकामी को उजागर कर सकता है।
- ऑपरेशन सिंदूर: इस महत्वपूर्ण रक्षा अभियान पर भी विपक्ष सवाल उठाने की योजना बना रहा है।
- अहमदाबाद विमान हादसा: इस हादसे ने कई परिवारों को प्रभावित किया है। विपक्ष इसे भी एक संवेदनशील मुद्दा मानते हुए सरकार के ऊपर दबाव बनाने की कोशिश करेगा।
सरकार का दृष्टिकोण
सरकार इस सत्र के दौरान मुठभेड़ और सुरक्षा मुद्दों पर त्वरित प्रतिक्रियाएं देने की योजना बना रही है। इसके अलावा, सरकार सामाजिक और आर्थिक विकास परियोजनाओं पर भी जोर देने की कोशिश करेगी ताकि विपक्ष को कमज़ोर किया जा सके।
निष्कर्ष
संसद का यह मानसून सत्र निश्चित रूप से एक दिलचस्प और तनावपूर्ण मोड़ लेकर आने वाला है। विपक्ष के मुद्दों के जवाब में सरकार की रणनीति देखना दिलचस्प रहेगा। इस संक्रांति के समय में, यह स्पष्ट हो जाता है कि भारतीय राजनीति के ये क्षण न केवल कानून बनाने के लिए हैं, बल्कि यह लोकतंत्र की ताकत और पारदर्शिता को प्रदर्शित करने का एक अवसर भी हैं।
सभी आंखें इस सत्र पर होंगी और देश की राजनीति की दिशा को तय करने में इसका विशेष महत्व होगा।
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