गांधीनगर में देश का सबसे बड़ा डिजिटल अरेस्ट:डॉक्टर को 3 महीने अरेस्ट कर 19.24 करोड़ रुपए वसूले, महिला ने पैसे चुकाने गोल्ड लोन तक लिया
साइबर फ्रॉड : बताओ... अभी तुम कहां हो? महिला डॉक्टर: मैं दवा की दुकान पर हूं। वह मेरे घर के पास ही है। साइबर फ्रॉड :चलो... अभी घर जाओ और तुम्हें जो बैंक अकाउंट दिया है, उसमें दो करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दो। महिला डॉक्टर: लेकिन मैं तुम्हें पहले ही 6 करोड़ दे चुकी हूं और कितने पैसे दूं? साइबर फ्रॉड : पुलिस सिविल ड्रेस में तुम्हारे इर्द-गिर्द घूम रही है। हमारी नजर तुम पर है। अगर हमें पैसे नहीं मिले, तो हम तुम्हें ले जाएंगे। महिला डॉक्टर: नहीं.. नहीं... ऐसा मत करना... मैं घर जाकर तुम्हारे खाते में दो करोड़ रुपए ट्रांसफर करती हूं। मोबाइल पर हुई बातचीत के ये अंश गांधीनगर की एक सीनियर महिला डॉक्टर और साइबर फ्रॉड के बीच के हैं। ठगी का यह सिलसिला मार्च महीने में शुरू हुआ था। इस तरह महिला डॉक्टर ने 3 महीने में 19 करोड़ 24 लाख रुपए गंवा दिए। और तब जाकर पता चला कि वह एक साइबर स्कैम का शिकार हो गई हैं। एक आरोपी किया गया अरेस्ट गुजरात की राजधानी में करीब 3 महीने तक डिजिटल अरेस्ट कर 19.24 करोड़ रुपए की ठगी का यह मामला पूरे देश का सबसे बड़ा डिजिटल स्कैम बन गया है। इस मामले में पुलिस ने सूरत से लालजीभाई बलदानिया नाम के एक शख्स को अरेस्ट किया है। बलदानिया के खाते में भी एक करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए थे। FEMA के तहत मामला दर्ज कराने का कहकर डराया गांधीनगर में रहनी वाली महिला डॉक्टर को 15 मार्च, 2025 दूरसंचार विभाग से ज्योति विश्वनाथ नाम के एक व्यक्ति का फोन आया था। उसके बाद, महिला को एक पुलिस इंस्पेक्टर और एक सरकारी वकील समेत कई नामों से कॉल आए। कॉल में महिला को बताया गया कि आपके सभी मोबाइल फोन बंद हो जाएंगे, क्योंकि आपके फोन से कई लोगों को बार-बार अपमानजनक संदेश भेजे जा रहे हैं। इसके लिए आपके खिलाफ एफआईआर दर्ज करानी होगी। इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया है और इसके लिए भारत सरकार के FEMA (विदेशी मुद्रा प्रबंधन) अधिनियम और PMLA (धन शोधन निवारण) अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। इसके बाद महिला को धमकी भरे कई लेटर्स भी मिले। वे फोन कर उन्हें डराते थे कि सादे कपड़ों में पुलिसवाले उनके घर के आस-पास घूम रहे हैं। अगर जेल जाने से बचना है तो सारी सम्पत्ति की जानकारी देनी होगी। इस तरह उन्होंने महिला से उनकी पूरी सम्पत्ति का ब्यौरा हासिल कर लिया। इसके बाद मामला सैटल करने का कहकर उनसे पैसे ऐंठने शुरू कर दिए। महिला ने पैसे जुटाने गोल्ड लोन तक लिया अंतरराष्ट्रीय गिरोह ने वरिष्ठ नागरिक महिला डॉक्टर को इस तरह से डराना शुरू किया कि अगर आपके फोन से बार-बार अपमानजनक संदेश सार्वजनिक रूप से पोस्ट किए गए है। इसलिए आपके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। फिर, धीरे-धीरे, उन्होंने अलग-अलग तरीकों से सरकारी एजेंसियों के नाम पर झूठे पत्र भेजे और घर में पड़े सोने को बेचकर पैसे हासिल किए। बाद में, उन्होंने लॉकर में रखे सोने पर लोन लिया, एफडी तुड़वाई और सालों पहले खरीदे गए शेयर तक बेच डाले। इस तरह गिरोह ने महिला से 19.24 करोड़ रुपए की भारी-भरकम रकम ऐंठ ली। महिला के परिवार में उनकी की दो बेटियां हैं और दोनों ही विदेश में रहती हैं। जालसाजों ने उनसे कहा था कि हमें सरकारी बैंक खाते में ये पैसे जमा करवा रहे है। बाद में आपको पैसे वापस मिल जाएंगे। जालसाजों ने महिला से अलग-अलग 35 बैंक खातों में पैसे जमा करवाए। 35 बैंक खातों में पैसे जमा करवाए अचानक महिला डॉक्टर को वीडियो कॉल या किसी भी तरह के कॉल आने बंद हो गए। इसके बाद शक हुआ और परिवार से बात करने पर पता चला कि यह डिजिटल गिरफ्तारी करके साइबर ठगी की गई है। इसके बाद उन्होंने गांधीनगर साइबर विभाग में मामला दर्ज करवाया। जिसमें अलग-अलग अधिकारी बनकर धमकाने वाले पांच लोगों और पैसे जमा कराने वाले 35 बैंक खाताधारकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इतना डरीं कि अपनी लोकेशन तक शेयर करती थीं जालसाजों ने उन्हें इतना डरा दिया था कि वो जहां भी जाती तो सामने से वीडियो कॉल करती और अपनी लोकेशन तक शेयर करती थीं। एक बार वो अपने भतीजे की शादी में तीन दिन के लिए सूरत गई थीं। वहां से भी चुपके से एक जगह जाकर रोज वीडियो कॉल करके अपनी मौजूदगी साबित करती थीं भारत का सबसे लंबा और सबसे बड़ा जबरन वसूली का मामला सीआईडी क्राइम इसे भारत में किसी से 19 करोड़ की भारी-भरकम रकम की जबरन वसूली का पहला मामला मान रहा है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इस मामले में कंबोडिया का और भारत के एक राज्य का एक गिरोह शामिल है। कंबोडिया में 5 हजार से ज्यादा कॉल सेंटर चल रहे हैं भारतीयों को ठगने वाले कंबोडियाई गिरोहों के कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। हालांकि, गुजरात पुलिस अभी तक कंबोडिया के किसी बड़े गिरोह को पकड़ने में कामयाब नहीं हुई है। कंबोडिया से लौटे एक व्यक्ति ने खुद बताया कि भारतीयों को ठगने के लिए कंबोडिया में 5 हजार से ज्यादा बड़े कॉल सेंटर चल रहे हैं। लेकिन अभी तक उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो सकी है। --------------------------------------------------------- डिजिटल अरेस्ट की ये खबरें भी पढ़ें... डिजिटल अरेस्ट ताइवान के बाद कंबोडियन गैंग सक्रिय:CJI के नाम से अवैध ट्रांजेक्शन बताकर वृद्ध से 1.26 करोड़ ऐंठे अहमदाबाद सेटेलाइट के सिनियर सिटीजन को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टीस (CJI) का नाम बताकर 2 करोड़ का गैरकानूनी ट्रांजेक्शन दिखाकर डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगों ने 1.26 करोड़ ठग लिए। साइबर क्राइम सेल टीम ने अहमदाबाद के 4 युवकों को गिरफ्तार किया है। पूरी खबर पढ़ें... डिजिटल अरेस्ट गिरोह के लिए काम करने वाली लड़की गिरफ्तार:बोली- कंबोडिया से चल रहे इंटरनेशनल रैकेट विदेश में काम करने का झांसा देकर एजेंट गुजरात के लोगों को इंटरनेशनल डिजिटल अरेस्ट रैकेट में फंसाते हैं। इस रैकेट के पीछे इंटरनेशनल गिरोह है। भारत के अलग-अलग राज्यों से लड़कियां इन एजेंटों के जाल में फंसकर पहले दुबई और बाद में दूसरे देशों में भेजी जा र

गांधीनगर में देश का सबसे बड़ा डिजिटल अरेस्ट: डॉक्टर से 19.24 करोड़ रुपए की ठगी
Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - avpganga
गांधीनगर, गुजरात - हाल ही में हुए एक चौंकाने वाले साइबर फ्रॉड ने गांधीनगर में महिला डॉक्टर के साथ 19.24 करोड़ रुपए की ठगी की है। इस मामले को भारत का सबसे बड़ा डिजिटल अरेस्ट माना जा रहा है, जहां एक सीनियर महिला डॉक्टर को तीन महीने के भीतर लगातार धमकियाँ देकर पैसे वसूले गए। यह घटना साइबर अपराध की गंभीरता को उजागर करती है और इसे पूरी तरह से योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया था।
शुरुआत का समय और पहले संपर्क
इस धोखाधड़ी का सिलसिला मार्च 2025 से शुरू हुआ, जब महिला डॉक्टर को पहली बार दूरसंचार विभाग से ज्योति विश्वनाथ नाम के व्यक्ति का फोन आया। उस फोन में उसे बताया गया कि उसके मोबाइल फोन से अपमानजनक संदेश भेजे जा रहे हैं और उसके खिलाफ FIR दर्ज की जा सकती है। महिला को यह सूचना सुनकर डराया गया और इसके बाद कई बार कॉल आए, जिसमें कहा गया कि सिविल ड्रेस में पुलिस उसके इर्द-गिर्द घूम रही है।
धमकी देकर पैसों की वसूली
महिला ने बताया कि उसे ऐसे खतरे का सामना करना पड़ा कि उसे अपनी सारी संपत्ति की जानकारी देनी पड़ी। उन्हें धमकी दी गई कि अगर वो बेवज़ह आरोपों से बचना चाहती हैं, तो उन्हें पैसे ट्रांसफर करने होंगे। इसके बाद महिला ने अपनी संपत्ति में से गोल्ड लोन लिया, एफडी तुड़वाई और वर्षों से जमा किए शेयर बेचे। इस तरह से तीन महीने के भीतर महिला डॉक्टर से 19.24 करोड़ रुपये वसूल किए गए।
अंतरराष्ट्रीय गिरोह का खुलासा
जांच से पता चला है कि यह धोखाधड़ी एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह द्वारा संचालित की जा रही थी। गांधीनगर साइबर विभाग ने इस मामले में लालजीभाई बलदानिया नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसके खाते में एक करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे। प्रारंभिक जांच यह भी दर्शाती है कि इस धोखाधड़ी के पीछे कंबोडिया का एक गिरोह भी शामिल है, जहां लगभग 5000 कॉल सेंटर संचालित हो रहे हैं।
पुलिस की कार्रवाई और जागरूकता
गुजरात पुलिस अब इस मामले की गंभीरता को समझते हुए कार्रवाई कर रही है। विभिन्न अधिकारियों द्वारा धमकाने वाले पाँच आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और महिला डॉक्टर के साथ हुए इस डिजिटल अरेस्ट को एक बड़े अपराध के तौर पर देखा जा रहा है। पुलिस ने नागरिकों से सूचित किया है कि ऐसे साइबर फ्रॉड से बचने के लिए सतर्क रहना आवश्यक है।
निष्कर्ष
यह घटना केवल एक महिला डॉक्टर के साथ हुई ठगी नहीं है, बल्कि यह दर्शाती है कि हम सभी को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक रहना चाहिए। पुलिस और साइबर विभाग की संयोजन में जल्द ही इस गिरोह को पकड़ा जाएगा। यदि आप भी ऐसी किसी स्थिति का सामना कर रहे हैं, तो तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचित करें।
याद रखें, यह एक डिजिटल युग है, और हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी खुद की है।
Keywords:
cyber fraud, digital arrest, Gandhinagar, doctor scam, financial loss, international gang, police action, cyber security, loan scam, money launderingWhat's Your Reaction?






