राजस्थान में 7 दिन पहले पहुंचा मानसून:पहले दिन ही आधा से ज्यादा प्रदेश कवर, औसत से ज्यादा बारिश का अनुमान

आज राजस्थान में मानसून की एंट्री हो गई है। तय समय से करीब एक हफ्ते पहले पहुंचे मानसून की एंट्री प्रदेश के दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी हिस्से से हुई है। पहले दिन ही मानसून ने प्रदेश के आधे से अधिक हिस्से को कवर कर लिया है। मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, सिरोही, जालोर, बाड़मेर, पाली, राजसमंद, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, झालावाड़, बारां, बूंदी, कोटा, सवाई माधोपुर, टोंक, जयपुर, अजमेर, जोधपुर, करौली और धौलपुर के कुछ हिस्सों में मानसून की बारिश हो रही है। जून में अब तक 34.6 मिमी. बारिश मौसम केंद्र निदेशक राधेश्याम शर्मा के अनुसार मानसून इस बार 7 दिन पहले आया है। सामान्यत: एंट्री 25 जून के आसपास होती है। राजस्थान में 1 से 17 जून तक 34.6MM औसत बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 63 फीसदी ज्यादा है। राज्य में अगले 5-7 दिन उदयपुर, कोटा संभाग में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना है। 2024 में पिछले 10 साल में सर्वाधिक बारिश राजस्थान में जून से 30 सितंबर तक (मानसून सीजन) में औसतन 435MM बरसात पूरे सीजन में होती है। पिछले 10 साल की रिपोर्ट देखें तो साल 2018 में ही ऐसा सीजन रहा जब मानसून में बारिश औसत से कम हुई हो। आखिरी साल 2024 में मानसून सीजन में जबरदस्त बारिश हुई थी, उस समय पूरे प्रदेश में औसत से 56 फीसदी ज्यादा बरसात हुई है। इस बार भी मौसम विभाग ने राजस्थान में औसत से ज्यादा बारिश होने का अनुमान जताया है। पिछले साल जयपुर में औसत से 88 फीसदी ज्यादा हुई बारिश पिछले मानसून सीजन में राजधानी जयपुर में जबरदस्त बारिश हुई। यहां एक जून से 30 सितंबर तक औसत से 88 फीसदी ज्यादा बरसात हुई। जयपुर में एक सीजन में औसतन 524.3MM बरसात होती है, लेकिन पिछले सीजन में यहां 986.6MM बरसात हुई। जयपुर के अलावा दौसा में 594.5MM बारिश के मुकाबले 1409.4MM बरसात हुई, जो औसत से 137 फीसदी ज्यादा रही। ये ऐसा जिला रहा, जहां पिछले सीजन सबसे ज्यादा बरसात हुई थी। वहीं सीकर, अलवर और झुंझुनूं में क्रमश: औसत से 54 फीसदी, 73 फीसदी और 35 फीसदी ज्यादा बरसात हुई थी। कोटा संभाग के झालावाड़ में हुई थी औसत से कम बारिश पिछले सीजन में कोटा संभाग के चार जिलाें कोटा, बारां, बूंदी, झालावाड़ के एरिया में से झालावाड़ ऐसा जिला है जहां औसत 3 फीसदी कम बारिश हुई। झालावाड़ में एक सीजन में औसतन 884.3MM बारिश होती है, जबकि पिछले सीजन में 853.9MM बरसात हुई। इसके अलावा कोटा में 732.2MM औसत बारिश की तुलना में 901.5MM यानी 23 फीसदी ज्यादा बरसात दर्ज हुई। वहीं बूंदी में औसत से 63 फीसदी ज्यादा, जबकि बारां जिले में औसत से 30 फीसदी ज्यादा बरसात हुई थी। भरतपुर संभाग में औसत से 70 फीसदी ज्यादा बरसात पिछले सीजन में पूर्वी राजस्थान के भरतपुर में जबरदस्त बारिश हुई थी। भरतपुर जिले में औसत बारिश 543.3MM के मुकाबले 925.4MM बरसात हुई थी, जो औसत से 70 फीसदी ज्यादा थी। धौलपुर में 1211.8MM बरसात हुई, ये औसत से 107 फीसदी ज्यादा थी। करौली में 1245.8MM बरसात हुई, जो औसत से 109 फीसदी ज्यादा और सवाई माधोपुर में 1285.6MM बरसात यानी औसत से 94 फीसदी ज्यादा बारिश हुई। उदयपुर संभाग में औसत रहा मानसून उदयपुर संभाग में पिछले सीजन मानसून औसत रहा। उदयपुर जिले में 617.7MM औसत बारिश की तुलना में 698.3MM बारिश हुई। वहीं चित्तौड़गढ़ में 817.8MM, प्रतापगढ़ में 1100.7MM, डूंगरपुर में 774MM और बांसवाड़ा में 1043.4MM बरसात हुई। टोंक में आई थी बाढ़, खोलने पड़े बीसलपुर बांध के गेट अजमेर संभाग के एरिया में पिछले साल टोंक, भीलवाड़ा, अजमेर के एरिया में जबरदस्त बारिश हुई थी। टोंक में बाढ़ जैसे हालात हो गए थे। भारी बारिश के कारण यहां सितंबर में बीसलपुर बांध फुल हो गया था, जिसके कारण बांध के गेट खोलकर पानी छोड़ना पड़ा था। अजमेर में पिछले सीजन 458.3MM औसत बारिश की तुलना में 819.6MM यानी 79 फीसदी ज्यादा बरसात हुई थी। इसी तरह टोंक में 1115.6MM औसत से 97 फीसदी ज्यादा, भीलवाड़ा में 854.8MM औसत से 41 फीसदी ज्यादा और नागौर में 656.5MM औसत से 78 फीसदी ज्यादा बरसात हुई थी। जैसलमेर में हुई थी डेढ़ गुना बारिश, जोधपुर संभाग में अच्छा रहा था मानसून पिछले सीजन पश्चिमी राजस्थान में भी मानसून की अच्छी बारिश हुई थी। जैसलमेर में 176.9MM औसत बारिश के मुकाबले 438.2MM बारिश हुई थी, जो औसत से 148 फीसदी ज्यादा रही। जोधपुर जिले में 507.6MM बारिश पिछले सीजन में हुई, जो औसत बारिश 292.6MM के मुकाबले 73 फीसदी ज्यादा है। पाली में औसत से 59 फीसदी, बाड़मेर में 65, जालोर में 13 और सिरोही में औसत से 6 फीसदी ज्यादा बरसात हुई थी। बीकानेर संभाग में अच्छी हुई बारिश पिछले सीजन में बीकानेर संभाग के एरिया में मानसून की अच्छी बारिश हुई। यहां जुलाई और अगस्त के दूसरे सप्ताह तक ही मानसून की बारिश औसत से ज्यादा हो गई थी। बीकानेर में पिछले सीजन 423.3MM बरसात हुई, जो औसत 247MM बारिश से 71 फीसदी ज्यादा थी। चूरू में 536.3MM (61 फीसदी ज्यादा), गंगानगर 314.1MM (53 फीसदी ज्यादा) और हनुमानगढ़ में 328.4MM (29 फीसदी) ज्यादा बरसात हुई थी। .... राजस्थान में बारिश से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए... आज 15 जिलों में भारी बरसात का अलर्ट:बीते 24 घंटे में बिजली गिरने से 3 की मौत; लगातार बारिश के कारण गिरा पारा राजस्थान में मानसून की एंट्री हो गई है। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बने लो-प्रेशर सिस्टम से मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है। पिछले दो दिन (16 और 17 जून) में मानसून राजस्थान की सीमा पर पहुंच गया था। पूरी खबर पढ़िए...

Jun 18, 2025 - 14:43
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राजस्थान में 7 दिन पहले पहुंचा मानसून:पहले दिन ही आधा से ज्यादा प्रदेश कवर, औसत से ज्यादा बारिश का अनुमान
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राजस्थान में 7 दिन पहले पहुंचा मानसून: पहले दिन ही आधा से ज्यादा प्रदेश कवर, औसत से ज्यादा बारिश का अनुमान

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आज राजस्थान में मानसून की एंट्री हो गई है। तय समय से करीब एक हफ्ते पहले पहुंचे मानसून की एंट्री प्रदेश के दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी हिस्से से हुई है। पहले दिन ही मानसून ने प्रदेश के आधे से अधिक हिस्से को कवर कर लिया है। मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, सिरोही, जालोर, बाड़मेर, पाली, राजसमंद, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, झालावाड़, बारां, बूंदी, कोटा, सवाई माधोपुर, टोंक, जयपुर, अजमेर, जोधपुर, करौली और धौलपुर के कुछ हिस्सों में मानसून की बारिश हो रही है।

मौसम की स्थिति

मौसम केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा के अनुसार, जून में अब तक 34.6 मिमी बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 63 फीसदी ज्यादा है। राज्य में अगले 5-7 दिन उदयपुर और कोटा संभाग में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है। औसतन, पिछले 10 सालों में जून से सितंबर के बीच राजस्थान में 435 मिमी बारिश होती है। पिछले साल मानसून सीजन में भी भारी बारिश देखने को मिली थी, जो औसत से 56 फीसदी ज्यादा रही।

स्थानीय स्तर पर बारिश का आकलन

मौसम विभाग ने इस बार भी राजस्थान में औसत से ज्यादा बारिश होने की उम्मीद जताई है। पिछले वर्ष, जयपुर में औसतन 88 फीसदी अधिक बारिश हुई थी, जो 986.6 मिमी तक पहुँच गई। दौसा और सीकर जैसे जिलों में भी अच्छी बारिश देखने को मिली। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में जैसे झालावाड़ में औसत से कम बारिश हुई। बीकानेर और जोधपुर के क्षेत्रों में भी बारिश का सकारात्मक असर देखने को मिला है।

अन्य महत्वपूर्ण बातें

जनता को सूचित किया गया है कि कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। बादलों की स्थिति और बारिश की आवृत्ति के अनुसार, अगले कुछ दिन प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में मौसम का मिजाज हल्का बदल सकता है। बीसलपुर बांध के गेट खोलने की संभावनाएँ भी हैं, अगर भारी बारिश जारी रहती है। इस बार मौसम विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि प्रदेश के सभी क्षेत्रों में समुचित राहत और मदद के लिए तैयार रहें।

निष्कर्ष

राजस्थान में मानसून की समय से पहले एंट्री और पहले दिन की भारी बारिश ने प्रदेश के किसानों और आम जनता के लिए अच्छी खबर लेकर आई है। सतत बारिश से फसल और जल स्रोतों में सुधार होगा। मानसून का यह सीजन राज्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है। इसके प्रभाव और परिणामों का सभी को बेसब्री से इंतज़ार है।

इसके अतिरिक्त, मौसम की स्थिति पर नज़र रखने के लिए कृपया हमारे अन्य लेख पढ़ें और अपडेट्स के लिए हमारे ब्लॉग पर जाएँ।

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