रेड अलर्ट निरंतर वर्षाः आपदा जैसे हालात; जन दर्शन में फिर भी पहुंचे 122 फरियादी
व्यथित विधवा महिला, ऋण चुकता करने के बाद भी बैंक नही लौटा रहा रजिस्ट्री; सीडीओ एवं जीएम डीसीबी को 03 दिन भीतर कार्यवाही के निर्देश व्यथित विधवा निशा, घर… The post रेड अलर्ट निरंतर वर्षाः आपदा जैसे हालात; जन दर्शन में फिर भी पहुंचे 122 फरियादी first appeared on .

रेड अलर्ट निरंतर वर्षाः आपदा जैसे हालात; जन दर्शन में फिर भी पहुंचे 122 फरियादी
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कोरोना महामारी के संकट के बाद देश अभी मुश्किल परिस्थितियों से गुजर रहा है। ऐसे में, देहरादून में भारी बारिश और रेड अलर्ट ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। लेकिन इसके बावजूद, बृहस्पतिवार को आयोजित जन दर्शन कार्यक्रम में 122 फरियादी अपने मुद्दों को लेकर पहुंचे। जानिए इस अद्वितीय आयोजन की पूरी कहानी, जिसमे न सिर्फ फरियादियों की समस्याएं सुनी गईं, बल्कि कई मुद्दों का त्वरित समाधान भी किया गया।
जनता दर्शन के आयोजन का विवरण
इस महीने की शुरूआत में, जिलाधिकारी सविन बसंल ने ऋषिपर्णा सभागार में जनता दर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नागरिकों की समस्याओं का समाधान करना था। हालांकि, समर्पित संवाद और त्वरित कार्रवाई के विपरीत, भारी बारिश और आपदा की स्थिति ने सभी को चिंतित किया। फिर भी, 122 फरियादी अपनी समस्याओं के साथ उपस्थित हुए और डायरेक्टर के सामने अपनी बात रखी।
उपस्थित फरियादियों की समस्याएं
उपस्थित फरियादियों ने मुख्य रूप से भूमि और घरेलू विवादों से जुड़ी समस्याएं रखी। एक विधवा महिला, यशोदा देवी ने संज्ञान में लाया कि उसके पति द्वारा लिया गया बैंक लोन अभी तक चुकाया नहीं गया, और बैंक उसके रजिस्ट्री को वापस नहीं कर रहा। जिलाधिकारी ने तात्कालिक निर्देश दिए कि इस मामले की जाँच की जाए। इसी तरह, विधवा निशा कोहली ने अपने पड़ोसी द्वारा हो रही प्रताड़ना की शिकायत की।
इस सबके बीच, एक बुजुर्ग महिला गीता देवी ने किराएदार द्वारा भेदभाव और अपमान का सामना करने की बात साझा की। जिलाधिकारी ने पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे इस मामले में त्वरित कार्रवाई करें। इसके अलावा, फरियादियों ने आर्थिक सहायता, पेंशन, और अवैध कब्जों की समस्याएं भी उठाईं।
जलवायु संकट और प्रशासनिक उपाय
रेड अलर्ट की स्थिति और लगातार वर्षा ने बारिश से संबंधित समस्याओं को और बढ़ा दिया है। लोनिवि खंड सहिया में भूस्खलन से क्षतिग्रस्त सड़कें एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनी हुई हैं। जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों से इन समस्याओं का समाधान करने के लिए त्वरित कदम उठाने को कहा।
यहां ध्यान देने की बात यह है कि प्रशासन ने आपदा न्यूनीकरण के कार्यों के लिए भी कदम बढ़ाए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में निरीक्षण और शमन अभियानों का कार्य शुरू किया जाएगा। इससे साफ होता है कि प्रशासन और नागरिक दोनों इस संकट में एकजुटता दिखा रहे हैं।
समापन
जन दर्शन कार्यक्रम ने न केवल नागरिकों के मुद्दों का समाधान किया, बल्कि यह भी दर्शाया कि प्रशासन किस प्रकार अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करता है। भले ही प्राकृतिक आपदा ने सभी को चुनौती दी हो, लेकिन नागरिकों की आवाज को सुनना और उनके समस्याओं का समाधान करना प्रशासन की प्राथमिकता बनी हुई है। ऐसे कार्यक्रम आगे भी जारी रहेंगे ताकि हर नागरिक को उनके अधिकारों का निर्वाह हो सके।
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