विकास दिव्यकीर्ति की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हुई:कल अजमेर की अदालत मे पेश होना है, अपील में कहा था- किसी की भावना को आहत नहीं किया
जजों पर अपमानजनक टिप्पणी के मामले में कोचिंग संस्थान के संचालक विकास विकास दिव्यकीर्ति की अपील पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हुई। आज समयाभाव के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। अब अदालत मंगलवार को मामले की सुनवाई करेगी। वहीं, विकास दिव्यकीर्ति को अजमेर की अदालत में कल पेश होना है। दरअसल, विकास दिव्यकीर्ति ने अजमेर कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। उनके वकील पुनीत सिंघवी ने कहा कि हमने अपील में कहा है कि हमने किसी की भावना को आहत नहीं किया है। अजमेर न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने हमारे खिलाफ जो क्रिमिनल प्रोसिडिंग शुरू की है, वो गलत है। न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या 2 अजमेर के पीठासीन अधिकारी मनमोहन चंदेल की कोर्ट ने विकास दिव्यकीर्ति के खिलाफ दायर मानहानि की शिकायत पर सुनवाई करते हुए उन्हें 22 जुलाई को पेश होने के आदेश दिए थे। आईएएस को बताया ज्यादा पावरफुल शिकायतकर्ता ने कहा था- विकास दिव्यकीर्ति ने एक वीडियो में न्यायपालिका के खिलाफ अपमानजनक और व्यंग्यात्मक भाषा का इस्तेमाल किया है। दरअसल, यह विवाद दृष्टि IAS कोचिंग के संचालक विकास दिव्यकीर्ति के एक वीडियो शो ‘IAS वर्सेज जज- कौन ज्यादा ताकतवर’ से खड़ा हुआ था। इसमें विकास दिव्यकीर्ति ने IAS को पावरफुल बताया था। एक वीडियो से शुरू हुआ विवाद दरअसल, यह विवाद दृष्टि IAS कोचिंग के संचालक विकास दिव्यकीर्ति के एक वीडियो शो ‘IAS वर्सेज जज- कौन ज्यादा ताकतवर’ से खड़ा हुआ था। इसमें विकास दिव्यकीर्ति ने IAS को पावरफुल बताया था। इस पर वकील कमलेश मंडोलिया की शिकायत पर अजमेर के न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या-2 के पीठासीन अधिकारी मनमोहन चंदेल की अदालत ने मामला दर्ज कर संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किए थे। बहस पूरी होने के बाद न्यायाधीश ने 40 पेज के आदेश में कमलेश मंडोलिया की ओर से पेश किए मानहानि केस को आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया था। कोर्ट ने विकास दिव्यकीर्ति को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं। मामले में अगली सुनवाई 22 जुलाई को होनी थी। पूरे मामले से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... जजों पर टिप्पणी के मामले में विकास दिव्यकीर्ति को नोटिस:22 जुलाई को अजमेर कोर्ट में पेश होने का आदेश; वीडियो में IAS को पावरफुल बताया था जजों पर अपमानजनक टिप्पणी के मामले में कोचिंग संस्थान के संचालक विकास दिव्यकीर्ति को अजमेर के न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश होना होगा। न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या 2 अजमेर के पीठासीन अधिकारी मनमोहन चंदेल की कोर्ट ने विकास दिव्यकीर्ति के खिलाफ दायर मानहानि की शिकायत पर सुनवाई की। (पूरी खबर पढ़ें)

विकास दिव्यकीर्ति की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हुई
जजों पर अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में कोचिंग संस्थान के संचालक विकास दिव्यकीर्ति की याचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हुई। इसे लेकर समयाभाव का हवाला दिया गया है। अब यह मामला कल अजमेर की अदालत में पेश किया जाएगा।
हाईकोर्ट ने सुनवाई में देरी क्यों की?
इस अपील में विकास दिव्यकीर्ति ने कहा था कि उन्होंने किसी की भावना को आहत नहीं किया है। उनके वकील पुनीत सिंघवी के अनुसार, अजमेर न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उनके खिलाफ जो क्रिमिनल प्रोसिडिंग शुरू की हैं, वह पूरी तरह से गलत हैं।
विकास दिव्यकीर्ति के वकील ने यह भी बताया कि न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या 2 के पीठासीन अधिकारी मनमोहन चंदेल की कोर्ट ने उनके खिलाफ मानहानि की शिकायत पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया था कि उन्हें 22 जुलाई को पेश होना है।
वीडियो शो से उत्पन्न विवाद
यह विवाद दरअसल दृष्टि IAS कोचिंग के संचालक विकास दिव्यकीर्ति के एक वीडियो शो ‘IAS वर्सेज जज- कौन ज्यादा ताकतवर’ के चलते उत्पन्न हुआ था। इस वीडियो में दिव्यकीर्ति ने IAS को पावरफुल बताते हुए न्यायपालिका के खिलाफ अपमानजनक और व्यंग्यात्मक भाषा का इस्तेमाल किया। इस वीडियो के संदर्भ में वकील कमलेश मंडोलिया की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था।
अजमेर की न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश के बाद केस को आंशिक रूप से स्वीकार किया गया और विकास दिव्यकीर्ति को पेश होने के लिए आदेश दिए गए।
मामले पर औपचारिक टिप्पणियाँ
इस मामले में कुछ महत्वपूर्ण सवाल भी उठते हैं। क्या इस तरह की टिप्पणियाँ एक शिक्षक की जिम्मेदारी को दर्शाती हैं? क्या उन्हें इस प्रकार की टिप्पणियाँ करने की स्वतंत्रता है या फिर यह उनके पेशेवर और व्यक्तिगत मानदंडों के खिलाफ है?
हालांकि, विकास दिव्यकीर्ति का कहना है कि उनका इरादा किसी की भावना को आहत करने का नहीं था, लेकिन उनके वीडियो की तह में जाकर देखा जाता है, तो यह स्पष्ट है कि उनकी टिप्पणियों ने कुछ लोगों को चोट पहुँचाई है।
निष्कर्ष
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कल अजमेर की अदालत में क्या होता है। क्या विकास दिव्यकीर्ति अपने अधिकारों की रक्षा कर पाते हैं या फिर उन्हें न्यायिक प्रणाली की कठोरता का सामना करना पड़ेगा। इस पूरे मामले पर हम नजर बनाए रखेंगे।
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