पाकिस्तान के जिए जासूसी के आरोप में सैनिक अरेस्ट:पंजाब स्पेशल ऑपरेशन सेल ने जम्मू-कश्मीर से पकड़ा, आर्मी की जानकारी शेयर करता था
पंजाब पुलिस के स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल ने पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में एक भारतीय सैन्यकर्मी को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान देविंदर सिंह, निवासी गांव निहालगढ़, शादीहारी, जिला संगरूर के रूप में हुई है। उसे उरी, जिला बारामूला, जम्मू और कश्मीर से गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी पहले काबू किए गए पूर्व फौजी गुरप्रीत सिंह उर्फ फौजी से पूछताछ के आधार पर की गई। वह सेना से जुड़ी गुप्त जानकारियां आईएसआई से जुडे़ लोगों को देता था। जेल से भी मंगवा लेता था जानकारी स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल ने कुछ दिन पहले एक पूर्व फौजी को फिरोजपुर जेल प्रोडक्शन वांरट पर लाकर गिरफ्तारी डाली थी। जब उससे पूछताछ हुई तो उसने कबूला था कि उसकी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लोगों से संपर्क है। साथ ही वह उनके साथ सेना से जुड़ी जानकारियां शेयर करता है। उसने बताया था कि वह सेना में कई जगह रहा है। जहां सेना के लोगों से अच्छे लिंक है। उनसे वह जानकारी जेल से ही मंगवा लेता है। इसके बाद अब यह अरेस्ट हुई है। इसके बाद जब जांच आगे बढ़ी तो यह गिरफ्तारी हुई है। दोनों ट्रेनिंग में मिले, कई जगह साथ रहे है देविंदर से प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि वह और गुरप्रीत दोनों वर्ष 2017 में एक-दूसरे के संपर्क में आए थे, जब वे दोनों पुणे स्थित सेना प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षण ले रहे थे और तब से एक-दूसरे को जानते हैं। उन्होंने सिक्किम और जम्मू-कश्मीर में अपनी सेवा के दौरान विभिन्न सैन्य कार्यों में एक साथ काम किया है। सर्विस के दौरान दोनों को सेना की गोपनीय सामग्री वाले दस्तावेज प्राप्त हुए, जिन्हें गुरप्रीत सिंह उर्फ गुरी उर्फ फौजी ने पाकिस्तान की आईएसआई को लीक कर दिया। आगे की जांच के दौरान देविंदर सिंह की भूमिका निर्णायक रूप से स्थापित होगी

पाकिस्तान के जिए जासूसी के आरोप में सैनिक अरेस्ट: पंजाब स्पेशल ऑपरेशन सेल ने जम्मू-कश्मीर से पकड़ा, आर्मी की जानकारी शेयर करता था
Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - avpganga
पंजाब पुलिस के स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल ने एक अलग मामले को उजागर करते हुए पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में एक भारतीय सैनिक को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान देविंदर सिंह के रूप में की गई है, जो कि संगरूर जिले के गांव निहालगढ़ का निवासी है। देविंदर को उरी, जिला बारामूला, जम्मू और कश्मीर से गिरफ्तार किया गया, जो कि इस रहस्यमय गतिविधि का केंद्र बन गया था। इस गिरफ्तारी का आधार पहले गिरफ्तार किए गए पूर्व फौजी गुरप्रीत सिंह उर्फ फौजी से की गई पूछताछ है। इस खबर ने भारतीय सेना की सुरक्षा को लेकर प्रश्न खड़े कर दिए हैं, और यह दर्शाता है कि दुश्मन राष्ट्रों के लिए जानकारी इकट्ठा करने की कोशिशें कितनी बढ़ गई हैं।
जासूसी की कहानी
सूत्रों के अनुसार, देविंदर सिंह ने सेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में साझा की। यह गिरफ्तारी एक समय में राजनैतिक और सुरक्षा दृष्टिकोन से महत्वपूर्ण साबित होती है, क्योंकि यह घटनाक्रम एक विस्फोटक संयुक्त जांच का परिणाम है। गुरप्रीत सिंह ने अपनी गिरफ्तारी के दौरान कबूल किया था कि उसका पाकिस्तान के आईएसआई के लोगों से संपर्क था और वह उनके साथ सेना से जुड़ी जानकारियां शेयर करता था। यह जानकारी वह जेल से भी मंगवा लेता था।
गुरप्रीत और देविंदर का कनेक्शन
जब जांच में गहराई से देखा गया, तो पाया गया कि देविंदर और गुरप्रीत का कनेक्शन भी बेहद महत्वपूर्ण था। प्रारंभिक पूछताछ में देविंदर से पता चला कि दोनों 2017 में पुणे स्थित सेना प्रशिक्षण शिविर में मिले थे। तभी से उनके बीच दोस्ती हुई और इसके बाद वे सिक्किम और जम्मू-कश्मीर में सेना के विभिन्न अभियानों में एक साथ काम करने लगे। उनकी इस करीबी सांझेदारी ने जासूसी की इस गतिविधि को और मजबूत बनाया।
आगे की जांच
जांच के दौरान यह भी ज्ञात हुआ कि दोनों ने सेवा के दौरान कई संवेदनशील दस्तावेज प्राप्त किए, जिन्हें बाद में गुरप्रीत ने पाकिस्तान की आईएसआई को लीक कर दिया। पंजाब पुलिस का स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल अब इस दिशा में गहराई से जांच कर रहा है ताकि देविंदर सिंह की भूमिका और अधिक स्पष्ट की जा सके। यह एक गंभीर मामला है, और यह स्पष्ट करता है कि हमारे देश की सुरक्षा को कहीं न कहीं खतरा हो सकता है। इस प्रकार की घटनाएँ न केवल देश की इज्जत को प्रभावित करती हैं, बल्कि हमारे अंदरूनी सुरक्षा तंत्र पर भी सवाल उठाती हैं।
निष्कर्ष
यह गिरफ्तारी एक महत्वपूर्ण चेतावनी साबित होती है कि हमारी आंतरिक सुरक्षा को बनाए रखना कितना आवश्यक है। ऐसे मामलों में सजग रहना और समय पर कार्रवाई करना आवश्यक है, ताकि भारत की सीमाओं और नागरिकों की सुरक्षा में कोई भी सेंध न लग सके। आने वाले समय में इस दिशा में और अधिक जागरूकता और सक्रियता की आवश्यकता होगी।
इस घटना पर हमने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लोगों की प्रतिक्रियाएँ देखी हैं, जहाँ पर कुछ लोग इस गिरफ्तारी को महत्वपूर्ण मानते हैं, जबकि अन्य इसे सुरक्षा प्रबंधन की कमी बताने लगे हैं। चाहे जो भी हो, यह मामला भारतीय सेना के प्रति जनता के विश्वास को भी प्रभावित कर सकता है। भविष्य में भारत की सुरक्षा प्रणालियों की मजबूती सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
इस परिस्थिति पर नजर रखना न केवल आवश्यक है, बल्कि इसे एक बड़े संदर्भ में देखना भी जरूरी है। हमें अपने सुरक्षा बलों पर गर्व होना चाहिए, जो इन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
Keywords:
Indian soldier arrested, Pakistan espionage, Punjab Special Operation Cell, Jammu Kashmir security, Army information leak, ISI contacts, Gurpreet Singh involvement, military training connection.What's Your Reaction?






